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________________ १६० भगवती सूत्रे झ्याउयं पकरेंति, जाव नो देवाउयं पकरेंति, परंपरोववन्नगाणं भंते! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति, जाव देवाउयं पकरोति ? गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, तिरिक्ख जोणिया उयं पि पकरेंति, मणुस्साउयं पिपकरेंति नो देवाउयं पकरेंति, अतरपरम्पर अणुववन्नगाणं भंते! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति ? पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, जाव नो देवाउयं पकरेंति, एवं जाव वैमाणिया, नवरं पंचिदियतिरिक्ख जोणिया मणुस्ता य परंपरोववन्नगा चत्तारि विआउयाई पकरेंति, सेसं तं चेव, नेरइयाणं भंते! किं अणंतरनिग्गया, परंपरनिग्गया, अनंतर परंपरनिग्गया ? गोयमा ! नेरइयाणं अनंतरनिग्गया वि जाव अनंतर परंपर अनिग्गया वि, से केणट्टेणं जाव अणिग्गया वि ? गोयमा ! जेणं नेरइया पढमसमयनिग्गया तेणं नेरइया अणंतरनिगया, जेणं नेरइया अपढमसमयनिग्गया ते णं नेरइया परंपरनिग्गया, जेणं नेरइया विग्गहगइसमावन्नगा, तेणं नेरइया अनंतर परंपर अणिग्गया, से तेणट्टेणं गोयमा ! जाव अणिग्गया वि, एवं जात्र वेमाणिया, अणंतरनिग्गयाणं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति, जाव देवाउयं पकरेंति ? गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, जाव नो देवाउयं पकरेंति, परंपरनियग्गाणं भंते ! नेरइया किं नेरइयाउयं पकरेंति ? पुच्छा, गोयमा ! नेरइयाउयं पिपकरेंति, जाव देवाउयं पि पकरेंति, શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૧
SR No.006325
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 11 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages906
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size53 MB
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