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भगवतीसूत्रे काली १. रात्रिः २, रजनी ३, विद्युत् ४, मेधा ५, 'तत्थणं एगमेगाए देवीए, अट्ठदेवीसहस्सा परिवारो पण्णत्तो' तत्र खलु तासु पञ्चसु मध्ये एकैकस्याः देव्याः अग्रमहिष्याः अष्टौ अष्टौ देवीसहस्राणि परिवारः प्रज्ञपमः, 'पभूणं भंते ! ताओ एगमेगा देवी अन्नाई अहह देवीसहस्साई परिवारं विउवित्तए' प्रभुः समर्था खलु ताभ्यः पश्चाग्रमहिषीषु एकैका देवी अग्रमहिषी अन्यानि अष्ट अष्ट देवीसहस्राणि परिवारं विकुवितु-विकुर्वणया शक्त्या निष्पादयितुम् ‘एवामेत्र सपुवावरेणं चत्तालीसं देवीसहस्सा, से तं तुडिए' एवमेव पूर्वोक्तरीत्यैव प्रश्नोत्तरीत्यैव उत्तरं विज्ञेयम् , यथा-हन्त हे आर्याः? प्रभुः समर्थाः तासु पञ्चाग्रमहिषीषु एकैका देवी नगम इस प्रकार से हैं काली १, रात्री २, रजनी ३, विद्युत् ४, और पाचवों मेघा 'तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ देवी सहस्सा परिवारो पण्णत्तो' इन पांच पट्ट देवियोंके मध्य में एक एक अग्रमहिषी की आठ आठ हजार देवी परिवार है। अब उन स्थविर भगवन्तों ने प्रभुसे ऐसा पूछा-'पभू णं भते! ताओ एगमेगा देवी अन्नाइं अट्ठ देवी सहस्साइं परिवार विउवित्तए' हे भदन्त ! उन पांच अग्रमहिषियों में से एक एक अग्रमहिषी अपनी विकुर्वणा शक्ति से क्या अन्य आठ २ हजार देवी परिवार को विकुर्वित करने के लिये समर्थ है ? अपनी विकुर्वणा शक्ति द्वारा देवी परिवार को निष्पादित करने में शक्तिशाली है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'एवामेव सव्वावरेण चत्तालीसं देवीसहस्सा से तं तुडिए' हे स्थविरों! प्रश्नोतरीति के अनुसार ही अपने प्रश्न का उत्तर जानना चाहिये-अर्थात् पांच अग्रमहिषियों में से (२) रात्री, (३) २४ी, (४) विद्युत्, (५) मेघा. “ तत्थण एगमेगाए अट्ठ देवी सहस्सा परिवारो पण्ण तो" ते प्रत्ये। अयमडिबीना 418, मा २ દેવીઓને પરિવાર છે.
स्थविर सताने प्रश्न-"पभूण भंते ! ताओ एगमेगादेवी अन्नाई अहह देवी सहस्साई परिवारं विउव्वित्तए ?" मापन ! ते पांय अमडिषीया શું પિતાની વિમુર્વણશક્તિથી ૮૦૦૦-૮૦૦૦ દેવી પરિવારની વિદુર્વણા કરવાને સમર્થ છે?–એટલે કે તેમાં શું વૈકિયશક્તિ દ્વારા આઠ આઠ હજાર દેવીઓનું નિર્માણ કરવાને શક્તિશાળી છે? ____ महावीर प्रभुने। उत्तर-" एवामेव सपुवावरेणं चत्तालीसं देवी सहस्सा से त तुडिए” उ स्थपि! प्रश्नोतरीत अनुसार १४ तमा२॥ प्रश्न उत्तर સમજ. એટલે કે તે પ્રત્યેક અમહિષી પિતાની વિકુવં ૭ શક્તિદ્વારા આઠ
શ્રી ભગવતી સૂત્ર: ૯