SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ D प्रमेयचन्द्रिका टीका श०९ उ.३२ सू० ३ भवान्तरप्रवेशनकनिरूपणम् २५ रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा ५। अहवा एगे रयणप्पभाए, दोसक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए होज्जा। एवं जाव, अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा १०, अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १५। अहवा एगे रयणप्पभाए, एगेवालयप्पभाए,दो पंकप्पभाए होज्जा । एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगेवालुयप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा ४ । एवं एएणं गमएणं जहा तिण्हं तियजागो तहा भाणियवो जाव अहवा दो धूमप्पभाए, एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १०५।अहवाएगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगेवालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा१॥ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा२ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ३॥ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगेवालयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा ४, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए ५ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए होज्जा६ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयण भ०४ શ્રી ભગવતી સૂત્ર: ૮
SR No.006322
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 08 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages685
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy