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भगवतीसत्रे प्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ७' अथवा एको रत्नप्रभायाम् , एकः शर्करामभायाम् , एकः पङ्कपभायाम् , एको धूमप्रभायाम् , एकस्तमायां भवति' 'अहवा एगेरयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा८' अथवा एको रत्नप्रभायाम् , एक शर्करामभायाम् , एकः पङ्कप्रभायाम् , एको धूमप्रभायाम् , एकोऽधः सप्तम्यां भवति, ' अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ९' अथवा एको रत्नप्रभायाम् , एकः शर्करामभायाम् , एकः पङ्कप्रभायाम् , एकस्तमायाम् , एकोऽधः सप्तम्यां भवति, ९, ' अहवा एगे में उत्पन्न हो जाता है ६, ( अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए होजा) अथवा एक नारक रत्नप्रभा में, एक नारक शर्कराप्रभा में, एक नारक पंकप्रभा में, एक नारक धूमप्रभा में और एक नारक तमः प्रभा में उत्पन्न हो जाता है ७, (अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा) अथवा एक नारक रत्नप्रभा में, एक नारक शर्कराप्रभा में, एक नारक पंकप्रभा में, एक नारक धूमप्रभा में और एक नारक अधः सप्तमी में उत्पन्न हो जाता है ८, (अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा) अथवा एक नारक रत्नप्रभा में, एक नारक शर्कराप्रभा में, एक नारक पंकप्रभा में एक नारक तमः प्रमा में और एक नारक अधः सप्तमी में उत्पन्न हो जाता है ९. (अहवा एगे रयणप्पभाए,
भi Sपन्न थाय छे. “ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, एगे पंक. प्पभाए, एगे धूमप्यभाए, एगे तमाए होज्जा" (७) अथ३१ ना२४ २.नપ્રભામાં, એક નારક શર્કરા પ્રભામાં, એક નારક પંકપ્રભામાં, એક નારક ધૂમ. प्रक्षामा भने से ना२४ त माम 4-1 थाय छे " अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा" (८) अथवा मे ना२४ २त्नप्रभामां, ये ना२४ ॥४२॥प्रमामा, એક નારક પાકપ્રભામાં, એક નારક ધૂમપ્રભામાં અને એક નારક નીચે સાતમી નરકમાં ઉત્પન્ન થાય છે.
“अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे पंकल्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होम्जा" (6) अथवा से ना२४ २त्नप्रभामा, ना२४ શરામભામાં, એક નારક પંકપ્રભામાં, એક નારક તમ પ્રભામાં અને એક ना२४ नये सातमी न२४मापन्न थाय छे. “ अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे
श्री. भगवती सूत्र : ८