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________________ १०२ भगवतीसूत्रे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, दो पंकप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, दो अहे सत्तमाए होज्जा, ४ । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहे सत्तमाए ८। अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२ । अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा१६। अहवाएगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगेपंकप्पभाए दोधूमप्पभाए, होज्जा, एवं जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचण्हवि चउक्कसंजोगो भाणियवो, नवरं अब्भहियं एगो संचारेयव्यो, एवं जाव अहवा दो पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए होज्जा १, अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए, एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा २, अहवा एगे रयणप्पभाए जाव एगे पंकप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा ३ । अहवा શ્રી ભગવતી સૂત્ર: ૮
SR No.006322
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 08 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages685
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size40 MB
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