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प्रमेयचन्द्रिका टी०।०९उ०३२ ९० ३ भवान्तरप्रवेशननिरूपणम् १०१ अहवा चत्तारि तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, तिन्नि वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, एगे सकरप्पभाए, तिन्नि अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए, होज्जा, एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, दो अहेसत्तमाए होज्जा । अहवा एगे रयणप्पभाए, तिन्नि सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए, होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए, तिन्नि सक्करप्पभाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा दो रयणप्पभाए, दो सक्करप्पभाए, एगे वालयप्पभाए होज्जा, एवं जाव दो रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए । अहवा तिन्नि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा। अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए, तिन्नि पंकप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा चउण्हं तियसंजोगो भाणओ तहा पंचण्हवि तियसंजोगो भाणियवो, नवरं तत्थ एगो संचारिज्जइ, इह दोन्नि, सेसं तं चेव जाव, अहवा तिन्नि धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहेसत्तमाए होज्जा। अहवा एगे
श्री. भगवती सूत्र : ८