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प्रमेयचन्द्रिका टी०।०८उ.९स.१० औदारिकादिवन्धस्य परस्परसम्बन्धनि० ४१९ रस्य देशबन्धः, खलु भदन्त ! औदारिकशरीरस्य किं बन्धकः, अवन्धकः ? गौतम ! बन्धको वा, अबन्धको वा, यदि बन्धकः किं देशबन्धकः ? सर्वबन्धकः ? गौतम ! देशबन्धको वा, सर्वबन्धको वा, वैक्रियशरीरस्य किं बन्धकः, अबन्धकः ? एवं चैव, एवम् आहारकशरीरस्यापि, कार्मणशरीरस्य किं बन्धकः, अबन्धकः ?
वैक्रिय शरीर का बंधक नहीं होता है। तैजस और कार्मणशरीर का वह देशबंधक होता है। (जस्स णं भंते ! तेयासरीरस्स देसबंधे से णं भंते !
ओरालियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए) हे भदन्त ! जो जीव तैजसशरीर का देशबंधक होता है वह क्या औदारिक शरीर का बंधक होता है या अबंधक होता है ? (गोयमा) हे गौतम ! तैजसशरीर का देशबंधक जीव ( बंधए अबंधए वा ) औदारिक शरीर का बंधक भी होता है और अबंधक भी होता है। (जइ बंधए किं देसबंधए सव्वबंधए ) हे भदन्त ! तैजस शरीर का देशबन्धक जीव यदि औदारिक शरीर का बंधक होता है तो क्या वह उसका देशबंधक होता है या सर्वबंधक होता है ? (गोयमा) हे गौतम! ( देसबंधए वा सव्वबंधए वा) वह औदारिक शरीर का देशबंधक भी होता है और सर्वबंधक भी होता है। (वेउ. व्वियसरीरस्स किं बंधए, अबंधए) हे भदन्त ! तैजसशरीर का देशबंधक जीव वैक्रियशरीर का बंधक होता है या अबंधक होता है ? (गोयमा)
જીવ તેજસ અને કાર્માણ શરીરને દેશબંધક હોય છે-સર્વબંધક હોતો નથી.
(जस्सण भंते ! तेयासरीरस्स देसबधे, से ण भते ! ओरालियसरीरस्स कि बधए, अबधए ? ) महन्त ! २७१ शरीरन देश हाय છે, તે શું દારિક શરીરને બંધક હોય છે, કે અબંધક હોય છે? (गोयमा!) गौतम! तैस शरीरन देशमध४ ७१ (बधए अबधएवा ) मोहरि शरीरनी ४ ५५ डाय छ भने समय पर हाय छे. (जाइ बधए कि देसबधए सव्वबधए ?) महन्त ! तेस शरीरमा हेशम 04 જે ઔદારિક શરીરને બંધક હોય છે, તે શું છે તેને દેશબંધક હોય છે,
सवम राय छ १ ( गोयमा ! ) गौतम ! मोह२ि४ शरीर। श. भ' ५५ डाय छ भने स य ५५५ डाय छे. (वेउव्वियसरीरस्स किं बधए, अवधर १३ महन्त ! तेस शरीर। इशय ७१ शु वैठिय शश२. ध य छ, है अ डाय छ १ ( गोयमा ! ) 3 गौतम ! ( एवं चेव, एवं आहारगसरीरस्स वि) स शरीर। देशम०१ वैश्यि शश.
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૭