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________________ १४ भगवती सूत्रे तद्यथा-: एवं त्रीन्द्रियचतुरिन्द्रियप्रयोगपरिणता अपि । पञ्चेन्द्रियप्रयोगपरिणताः खलु पृच्छा ? गौतम ! चतुर्विधाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा - नैरयिकपञ्चेन्द्रिय प्रयोगपरिणताः, तिर्यग्योनिकपञ्चेन्द्रियमयोगपरिणताः, मनुष्यपञ्चेन्द्रिय प्रयोगपरिणताः देवपञ्चेन्द्रियप्रयोगपरिणताश्च । नैरयिकपञ्चेन्द्रिय प्रयोगपरिणताः खलु पृच्छा ? गौतम ! सप्तविधाः प्रज्ञप्ताः ? तद्यथा - रत्नप्रभापृथिवी गौतम ! दो इन्द्रिय प्रयोगपरिणत पुद्गल (अणेगविहा पण्णत्ता) अनेक प्रकार के कहे गये हैं । ( एवं तेइंदिय-चडरिंदिय-पओगपरिणयावि) इसी तरहसे तेइन्द्रिय और चोइन्द्रिय प्रयोगपरिणत पुद्गलोंको भी जानना चाहिये । (पंचिदियपओगपरिणयाणं पुच्छा) हे भदन्त ! पंचेन्द्रिय प्रयोगपरिणत पुद्गल कितने प्रकारके कहे गये हैं ? (गोयमा ) हे गौतम ! ( चउव्हिा पण्णत्ता) पंचेन्द्रियप्रयोग परिणत पुद्गल चार प्रकारके कहे गये हैं । (तंजा) वे इस प्रकार से हैं (नेरइय पंचिदियपओगपरिणया तिरिक्ख जोणिय एवं मणुस्स. देव पंचिदिय) नारकपंचेन्द्रिय प्रयोगपरिणत, तिथेच पंचेन्द्रियप्रयोगपरिणत, इसी तरह मनुष्य पंचेन्द्रियप्रयोगपरिणत और देवपंचेन्द्रियप्रयोगपरिणत (नेरइय पंचिदियपओग. पुच्छा) हे भदन्त ! नैरयिक पंचेन्द्रिय प्रयोगपरिणत पुद्गल कितने प्रकारके कहे गये हैं ? (गोयमा) हे गौतम! ( सत्तविहा पण्णत्ता) नैरयिक पंचेन्द्रिय प्रयोगपरिणतपुद्गल सात पण्णत्ता) हीन्द्रिय प्रयोगपरित पुगसना ने प्रभार या छे. (एवं तेइंदियचाउरिदियपओगपरिणया वि ) ४ प्रमाणे ते इन्द्रिय मने यतुरिन्द्रिय प्रयोगपरिस्थित पुगलोना विषे या समन्न्वु. ( पंचिंदिय पओगपरिणयाणं पुच्छा ) हे अहन्त ! यथेन्द्रिय प्रयोगयरियत युगलाना डेटला अअर उद्या थे? (गोयमा !) हे गौतम! (चउन्विहा पण्णत्ता) पथेन्द्रिय प्रयोगपरित युगसना यार अठार बाछे. (तं जहा) ते व्यारः प्रार नाथ प्रभा - ( नेरइय पंचिंदियपओगपरिणया, तिरिक्खजोणिय, एवं मणुस्स० देव० पंचिदिय० ) ( १ ) नार: पथैन्द्रिय પ્રયાગપરિણત, (૨) તિય ચ પંચેન્દ્રિય પ્રયાગપરિણત, (૩) મનુષ્ય પંચેન્દ્રિય પ્રયાગપરિણત અને (૪) દેવ પંચેન્દ્રિય પ્રયાગપરિણત. (नेर पचिदिय पओग० पुच्छा) हे लहन्त ! नारः युगसोना डेटा प्रकार उद्या हे ? (गोयमा) डे गौतम ! નારક પંચેન્દ્રિય પ્રયાગપરિણત પુદગલના સાત પ્રકાર उद्या छे. શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૬ पयेन्द्रिय प्रयोगयरिगुत ( सत्तविहा पण्णत्ता) (तं जहा) ते अाश
SR No.006320
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 06 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages823
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size46 MB
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