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भगवतीसत्रे 'चुण्णवासाइवा' चूर्णवर्षा इति वा, पिष्ट सुगन्धिद्रव्यं चूर्ण स्तद् वर्षाः, 'गंधवासाइवा' गन्धवर्षा इति वा, गन्धाः कोष्ठपुटादयस्तेषां वर्षाः 'वत्थवासाइवा' वस्त्रवर्षा इति वा, विरललघुतरजलकणवर्षणं वर्षा, मुशलाधारनिरवच्छिन्नजलवर्षणं वृष्टिरिति उभयोर्भेदः __ अथोक्तवृष्टिमाह-हिरण्णबुट्टी' इ वा, हिरण्य वृष्टिः इति वा, 'सुवण्णवुट्टीइवा सुवर्ण वृष्टिः इति वा, 'रयणवुट्टीइ वा' रत्नदृष्टिः इति वा, 'वहरवुठ्ठीइवा, वजवृष्टिः इति वा 'आभरणबुट्ठीइवा' आभरणवृष्टिः इति वा, पित्तवुट्टीइवा' पत्रावृष्टिः इति वा, 'पुप्फवुट्टीइवा' पुष्पवृष्टिः इति वा, 'फलवुद्वीइवा' फलवृष्टिः इति वा, 'वीअवुइठ्ठीवा' बीजवृष्टिः इति चा, 'मल्लवुट्टीइवा' माल्यवृष्टिः इति वा, 'वण्णबुटी इवा, वर्णवृष्टिः इति वा, 'चुण्णवुटी इवा' चूर्णदृष्टिः इति वा गंधवुट्टीइवा गन्धवृष्टिः इति बा, 'वत्थवुट्ठीइवा' वस्त्रदृष्टिः इति वा, वासाइ वा' मिष्ठसुगंधित द्रव्यरूप चूर्णकी वर्षा, 'गंधवासाइ वा' कोष्ठपुटपाक आदिरूप गंधकी वर्षा, 'वत्यवासाइ वा, वस्त्रोंकी वर्षा (विरल२रूपमें छोटी२ बूंदोंका बरसना इसका नाम वर्षा है और मूसलाधार से पानीका बरसना इसका नाम वृष्टि है । यही वर्षा
और वृष्टिमें भेद है) 'हिरण्णधुट्ठीइ वा' हिरण्ण चांदीकी वृष्टि, 'सुवण्णवुट्टीइ वा' सुवर्णकी वृष्टि 'रयणघुट्टीइ वा' रत्नोंकी दृष्टि, 'वहरघुट्टीइ वा' हीराकी वृष्टी, 'आभरणघुट्टीइ वा, आभरणकी वृष्टी, 'पत्तघुट्टीइ वा' पत्रवृष्टि, पुष्फबुट्टीइ वा' पुष्पों की वृष्टी, 'फलबुट्टीइ वा' फलोंकी वृष्टि, 'बीयबुट्ठीइ वा' बीजकी वृष्टि, 'मल्लघुट्टीइ वा' मालाओंकी वृष्टि, 'वण्णवुट्ठीइ वा' चन्दनकी वृष्टि, 'चुण्णबुट्टीइ वा' चूर्णकी वृष्टि, 'गंधवुट्टीइ वा' गंधकी वृष्टि, 'वत्थषुट्टीइ वा, वस्त्रकी वृष्टि, बा' सुगंधित द्रव्य३५ यूनी वर्षा, गंधवासाइ वा सुगंधयुत प्रवाही द्रव्यनी वर्षा, 'वत्थवासाइवा' पसानी वर्षा, (पाना नानां नानां । ३५ था। था। १२साह પડતું હોય તે તેને વર્ષો કહે છે. મૂસળધાર વરસાદને વૃષ્ટિ કહે છે. વૃષ્ટિ અને વરસાદ वये मा तापत छ) 'हिरण्णवुट्टीइ वा' याहीनी ष्टि, सुवण्णवुढी वा' सोनानी वृष्टि, 'रयणवुट्टीइ वा' २नानी वृष्टि, 'वइखुट्ठीइ वा हीरानी टि, 'आभरणवुट्टी वा' आभूपानी वृष्टि, 'पत्तवुट्ठीइ वा' पाननी वृष्टि, 'पुप्फवुट्टीइ वा' पुष्पानी वृष्टि, 'फलवुट्टीइ वा' वानी वृष्टि, 'बीयवुट्टीइ वा' ularitष्ट, 'मल्लवुट्टीइ वा' भाव-मानी पृष्टि, 'वष्णवुट्टीइ वा' य-हननी पृष्टि, 'चुण्णवुट्ठीइ वा' यूनिी पृष्टि, गंधद्रीइ वा सुविहार प्रन्यानी वृष्टि, 'वत्थबुद्वी वा' पानी वृष्टि, 'भायणबुट्टीइ वा'
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૩