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________________ भगवतीसूत्रे हे गौतम ! तिष्यकस्य विकुर्वणाशक्तेः स्वरूपमा प्रतिपादितम् नतु यथोक्तार्थसम्पादनेन कदाचिदपि व्यावहारिकदृष्टया विकुर्वितवान् विकुर्वति, विकुविष्यति वेत्यभिप्रायेणोक्तम् ‘णो चेव णं संपत्तीए इत्यादि । ॥ मू० ११ ॥ ____ मूलम्-'जइणं भंते ! तीसए देवे एवं महिड्ढीए. जावएवइयं च णं पभू विकुवित्तए; सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स, देवरणो अवसेसा सामाणिया देवा केमहिड्डीया, तहेव सवं जावएसणं गोयमा ! सकस्स देविंदस्स, देवरणो एगमेगस्स सामाणियस्स देवस्स इमेयारूवे विसये, विसयमेत्ते बुइए, णोचेव णं संपत्तीए विकुविसु वा, विकुवंति वा, विकुविस्संति वा तायत्तीसायलोगपाल अग्गहिंसीणं जहेव चमरस्स, नवरं दो केवलकप्पे जंबूदीवे दीवे, अण्णं तं चेव, सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति दोच्चे गोयमे जाव विहरइ” ॥ सू० १२ ॥ तात्पर्य यह है कि यह तिष्यक देव वैक्रियसमुद्धात से समवहत होकर निर्मित अपने नानारूपोंसे शक्रकी तरह इस दो जंबुद्धीप को भर सकनेमें समर्थ है। यही बात 'जहेव सक्कस्स तहेव जाव इत्यादि' सूत्रपाठ द्वारा प्रकट की गई हैं । इस प्रकारसे हे गौतम ! तिष्यक की यह विकुर्वणा शक्तिका केवल स्वरूप मात्र प्रदर्शित किया गया है वह यथोक्त अर्थके संपादनसे कभी भी अभीतक इस प्रकारकी विक्रियासे न भूतकालमें युक्त हुआ है, न वर्तमानकालमें वह ऐसी विक्रिया करता है और न भविष्यमें वह ऐसी विक्रिया करेगा । यही बात ‘णोचेव णं' इत्यादि मूत्रपाठसे समझाई गई है ।मु० ११॥ सक्कस्स तहेव जाव त्याह" तिष्य हे पण देवेन्द्र ४ थी ४ विवा કરી શકે છે. કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે તિષ્યક દેવ પણ વૈકિય સમુદુદ્ધાત દ્વારા અનેક દેવ દેવીઓનાં રૂપે બનાવીને તેની મદદથી બે જંબુદ્વીપને ભરી દઈ શકે છે. હે ગૌતમ! તિષ્યક દેવની વિક્વણુ શકિતનું આ વર્ણન તેની શકિત બતાવવા માટે જ કરવામાં આવ્યું છે. પણ તેણે આ પ્રકારની વિકિયા ભૂતકાળમાં કદી કરી નથી, વર્તન भानणे ४२तो नया भने भविष्यमा ५९५ ४२२ नाही. से वात "णो चेव णं त्याहि" सूत्रपा8 द्वा२१ ५४८ ४री छे. ॥ सू. ११॥ श्री भगवती सूत्र: 3
SR No.006317
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages933
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size52 MB
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