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भगवतीसूत्रे श्यानाम् , शुक्ललेश्यानाम् , एतेषां त्रयाणामेको गमः, कृष्णलेश्यानां नीललेश्यानामपि एको गमः, नवरं वेदनायाम् मायिमिथ्यादृष्टयुपपन्नकाश्च अमायिसम्यग्दृष्टयुपपन्नकाश्च भणितव्याः। मनुष्याः क्रियासु सरागवीतरागप्रमत्ताऽप्रमत्ता न भणितव्याः, कापोतलेश्यायामपि एष एव गमः, नवरं नैरयिका यथा औधिके दण्ड के तथा भणितव्याः, तेजोलेश्या पद्मलेश्या यस्यास्ति यथौधिको दण्डकस्तथा हे भदंत ! क्या समस्त लेश्यावाले नारकजीव समान आहार वाले हैं ? (ओहियाणं सलेस्साणं सुक्कलेस्साणं एएसिणं तिण्हं एक्को गमा) औधिक सलेश्य, और शुक्ललेश्यावाले इन तीनों का एक जैसा पाठ है। (कण्हलेस्साणं नीललेस्साणं पि एको गमो ) कृष्ण लेश्यावालोंका और नीललेश्या वालों का भी एक जैसा पाठ है। (नवरं ) परन्तु वेदना में जो विशेषता है । वह इस प्रकारसे है (वेयणाए मायिमिच्छदिट्ठीउववन्नगा य अमायि सम्मादिट्ठी उववन्नगा य भाणियव्या) मायी मिथ्यादृष्टि उपपन्नक और अमायी सम्यग्दृष्टि उपपन्नक यहां कहना चाहिये। (मणुस्सा किरिया सराग-वीयराग-पमत्तापमत्ता न भाणियचा) तथा मनुष्याधिकृत क्रियासूत्र में कृष्ण और नीललेश्या में मनुष्य सरागसंयत, वीतरागसंयत, प्रमत्तसंयत, अप्रमत्तसंयत नहीं कहना चाहिये। (काउलेस्साण वि एसेव गमो) कापातलेश्यावालों के भी यही गम जानना चाहिये । (नवरं) विशेषता यह है कि (नेरइए जहा ओहिए दंडए तहा भाणियवा) कापात लेश्यावाले नारक, औधिक दंडक की तरह कहना चाहिये (तेउलेस्सा पम्हलेस्सा जस्स ना२४ । समान २७॥ य छ ? (ओहियाणं सलेरसाणं सुक्कलेरसाणं एएसिणं तिण्हं एक्को गभो) मौघिल, सोशी भने शुतोश्यावाणासत्रणेना से स२ मधिधार तवा ( कण्हलेसाणं, नीललेस्साण पि एक्को गमो) बेश्यावा भने नासवेश्यावामान ५ सर! मधि२ तव। (नवर) पण वहनामा विशेषता छ ते ॥ प्रमाणे छ ( वेदणाए मायिमिच्छादिद्रीउववन्नगा य अमाथिसम्मादिद्वीउववन्नगा य भाणियव्वा ) माया मने मिथ्याष्टिपणे ઉત્પન્ન થયેલા અને અમારી સમ્યક્ દૃષ્ટિપણે ઉત્પન્ન થયેલા અહીં કહેવા જોઈએ. (मणुस्सा किरियासु सराग वीयराग पमत्तापमत्ता न भाणियव्वा तथा मनुष्य વિષેના ક્રિયા સૂત્રમાં કૃષ્ણ અને નીલલેસ્થામાં મનુષ્યને સરોગસંયત, વીતરાગसयत, प्रभत्तसयत भने अप्रमतसयत मनुष्योने न ४ा. ( काउलेसाण वि एसेव गमो) अपात वेश्यापागामान! ५५ ॥ प्रमाणे १ मधि२ सय (नवरं ) ५ तेमा सटही विशेषता छ है ( नेरइया जहा ओहिए दंडए तहा भाणियवा ) अपातोश्यावा नाहीना वाने, मौघि ४४नी म हेवा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧