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________________ ८१ कर्मके वेदन किये विना उससे मोक्ष (छुटकारा) नहीं होनेका__ कथन ६९०-७०१ ८२ पुद्गल विचारका निरूपण ७०२-७०९ ८३ छद्मस्थादिकोंका सिद्धि प्रकरण ७१० -७२९ पांचवाँ उद्देशक प्रारंभ ८४ पांचवाँ उद्देशकका विषय कथन ८५ नारकादि (२४) चोईस दण्डकोंके आवासोंका निरूपण ___७३१-७४५ ८६ २४ चोईस प्रकार के दण्डकोंमें स्थितिस्थानका निरूपण ७४६-७६८ ८७ रत्नप्रभामें स्थितिस्थानका निरूपण ७६९-७८१ ८७ रत्नप्रभामें अवगाहना स्थानका निरूपण ७८२-७८८ ८८ रत्नप्रभा पृथिवीमें स्थित नारकीय जीवों के शरीर आदिकानिरूपण ७८९-७९४ ८९ रत्नप्रभा पृथिवीके नरकावासमें स्थित नारकजीवों के शरीरसंहनन (अस्थिरचना) का निरूपण ७९५-८०१ ९० रत्नप्रभामें स्थित नारक जीवोंकी लेश्याका निरूपण ८०२-८०५ ९१ रत्नप्रभामें स्थित नारकजीवोंके दृष्टिद्वारका निरूपण ९२ , ज्ञानद्वारका निरूपण ८०७-८१० ९३ रत्नप्रभालेश्यामें योगद्वारका निरूपण ८११-८१२ ९४ रत्नप्रभालेश्यामें उपयोग द्वारका निरूपण ८१३-८१४ ९५ शर्करादि शेषपृथिवीकी लेश्याका वर्णन ८१५-८१७ ९६ असुरकुमारादि के स्थितिस्थानका निरूपण ८१८-८२४ ९७ पृथिवीकायिकादि एकेन्द्रिय जीवोंके स्थितिस्थान आदिकानिरूपण ८२५-८३६ ९८ द्वीन्द्रियसे चतुरिन्द्रिय तकके जीवोंके स्थितिस्थान आदिका. निरूपण ८३७-८४२ ९९ पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीवोंके स्थितिस्थान आदिका वर्णन ८४३-८४६ १०० मनुष्योंके स्थितिस्थान आदिका वर्णन ८४७-८५२ १०१ वानव्यन्तर आदिकोंके स्थितिस्थान आदिका वर्णन ८५३-८५६ विषयानुक्रमणिका समास । શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧
SR No.006315
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1961
Total Pages879
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size52 MB
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