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भावबोधिनी टीका. द्वादशा स्वरूपनिरूपणम्
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(से किं तं गडियाणुओगे) अथ कोऽसौ गण्डिकानुयोगः - हे भदन्त ! गंडिकानुयोग का क्या स्वरूप है ? एक विषय लेकर कथन करना उसकानाम गंडिकानुयोग है। उत्तर- (गंडियाणुओगे अणेगविहे पण्णत्ते) गंडिकानु योग: अनेकविधः प्रज्ञप्तः - गंडिकानुयोग अनेक प्रकार का कहा गया है। ( तं जहा ) तद्यथा-जैसे (कुलगरगंडियाओ) कुलगरगण्डिका:- कुलकरगंडिका इसमें विमलवाहन आदि कुलकरों के पूर्वजन्म आदिका कथन किया जाता है ? | (तित्थगरगंडियाओ) तीर्थकरगण्डिकाः -- इसमें तीर्थकर के पूर्वजन्म आदि का कथन किया गया है । ( गणहरगंडियाओ) गणधर - fusar: - इसमें गणधरों के पूर्वजन्म आदि का कथन किया गया है। (चकहर गंडियाओ) चक्रधरगण्डिकाः- इसमें चक्रवर्तियों के पूर्वजन्म आदि का कथन किया गया है । (दसारगंडियाओ) दशार्हगण्डिकाः - इसमें समुद्र विजय से लेकर वासुदेवों के पूर्वजन्म आदि का वर्णन किया गया है। (बलदेवगंडियाओ) बलदेवगण्डिकाः - इसमें बलदेव का पूर्वजन्म का वर्णन है। (वासुदेवगंडियाओ) वासुदेव गण्डिकाः - इसमें वासुदेव महाराज का पूर्वजन्म का वर्णन है । (हरिबसगंडियाओ) हरिवंशगण्डिका:- इस में हरिवश का वर्णन है। (तवोकम्मगंडियाओं) तपः कर्म गण्डिकाः - इसमें तपकर्म का वर्णन है । (चिनंतर गडियाओ ) चित्रान्तरगण्डिकाः - इसमें अनेक अर्थ का वर्णन है ।
( से किं तं गंडियाणुओगे) अथ कोऽसौ गण्डिकानुयोगः - हे लहन्त ! ગડિકાનુયાગનું કેવું સ્વરૂપ છે ? એક વિષય લઈને કથન કરવું તેનું નામ ગડ अनुयोग छे. (उत्तर- (गंडियाणुओगे अणेगविहे पण्णत्ते) गंडिकानुयोगः अनेक विधः प्रज्ञप्तः- डिअनुयोग भने अमरनो उद्यो छे. (तं जहा) तद्यथाते याप्रमाणे छे. (कुलगर गंडियाओं ) कुलगरगण्डिका:- ( १ ) ५२ डिठातेमां विभलवाहन आदि रोना पूर्वजन्म सहनु स्थन यु छे. (तित्थगर गंडियाओ) तीर्थकर गण्डिका:- तेमां तीर्थ शेना पूर्व जन्म दिनु अथनभ्यु छे. ( गणहरगंडियाओ) गणधरगडिओ तेमां गणधरोना पूर्व४न्म माहिनु स्थन ४यु छे. (चक्कहरगंडियाओ) उधर गडिओ-तेमां यहुवर्तियोना पूर्व भन्स
हि न छे. (दसारगंडियाओ) शाई गडिओ तेमां समुद्रविन्यथी सर्वने वासुदेवा पूर्वजन्म माहिनु स्थन थयुं छे, (बलदेवगंडियाओ) जण हेवगडअमा-तेमां जगद्वेवना पूर्वजन्मनु वर्णन अयु छे. (वासुदेवगंडियाओ) पसुहेव
डिप्रो-तेमां वासुदेव महाराजना पूर्वन्मनु वर्णन छे. (हरिवंसगंडियाओ) हरिवंशमंडियो- तेमां हरिवंशनुं वर्णन छे. (तवोकम्मगंडियाओ) तपःकर्मife:-dui aus'g' qu' d. (faciatcifsensi) faznaconfig:तेमां याने अर्थनु वार्णन छे. (उस्सप्पिणीगंडियाओ) उत्सर्पिणीगण्डिका; -
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર