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मावबोधिनी टीका. एकादशास्वरूपनिरूपणम् अभिषेक, (रायवरसिरीओ) राजवरश्रियः-श्रेष्ठराजलक्ष्मी,(सीयाओ) शिबिकाःशिविकाएँ, (पवजाओ) प्रव्रज्या:-प्रव्रज्याएँ, (तवा य) तपांसि च-तपस्याएँ (भत्ताई) भक्तानि-भक्त, (केवलणाणुप्पापा य) केवल ज्ञानोत्पादाश्व-केवलज्ञान की उत्पत्ति, (तित्थपवत्तणाणि य) तीर्थप्रवर्तनानि च-तीर्थप्रवर्तन, (संघयणं) संहननं-संहनन, (संठाणं) संस्थानं-संस्थान, (उच्चत्त) उच्चत्वंउच्चत्व, (आउं) आयु:-आयु (वन्न विभागो) वर्णविभागः-वर्णविभाग,(सीसा) शिष्याः -शिष्य, (गणा) गणा:-गण, (गणहरा य) गणधराश्च-गणधर, (अजा) आर्याः-साध्वी (पवत्तणीओ) प्रवर्तिन्य:-प्रवर्तिनी, (संघस्स चउविहस्स-जं वावि परिमाणं) सघस्पचतुर्विधस्य यद् वाऽपि परिमाणम्-चतुविध संघका-परिमाण (जिणमणपन्जव ओहिनाण सम्मत्तसुयनाणिणो य) जिन मनः पर्यवावधिज्ञानसमस्तश्रुतज्ञानिनश्च-जिन-केवलज्ञानी, मनः पर्यवज्ञानी, अवधिज्ञानी,समस्तश्रुत के पाठी,(वाई)वादिनः वाद करनेवाला(अणुत्तरगई य) अनुत्तर-गतयश्च-अनुत्तर विमानो में गमन, (जत्तियासिद्धा पाओवगया य) यावन्तः-सिद्धाः पादपोपगताश्च-पादपोगमन संथारा धारण कर जितने सिद्ध हुए हैं वे, (जे जे हिं) ये यत्र-तथा जहां पर (जत्तियाई भत्ताइ छेयइत्ता) यावन्ति भक्तानि छेदयित्वा जितने भक्तों का अनशन द्वारा छेदन करके(अंतमनिषे, (रायवरसिरीओ)श्रे-8 २२१४६६मा, (सीयाओ) शिमिजासी, (पध्वजाओ) arय मो, (तवाय) तपस्या सो, (भत्ताइ)भक्तानि मतो, (केवल णाणुप्पाया य) केवलज्ञानोत्पादाश्च-शाननी उत्पत्ति, (तित्थपवत्तणाणि य) तीर्थप्रवर्तनानि च-ती प्रवत न, (संघयणं) संहननं-सडनन, (संठाणं) संस्थानं-सस्थान, (उच्चत्तं) य१, (आउ) मायु, (वन्न विभागो)वर्णविभागो-qefantil, (सीसा) शिष्याः-शिष्यो, (गणा) गणाः--।, (गणहराय) गणधराश्च-आयुधरे,(अजा) आर्याः-साध्वीमा, (पवक्तणीओ) प्रवर्तिन्य-प्रतिनी, (संघस्स चउव्विहस्स जं वावि परिमाणं) संघस्य चतुर्विधस्य यद् वाऽपि परिमाणम्-यतुविध संघनु परिमाणु, (जिणमणपजवओहिनाणसम्मत्तसुयनाणिणो य ) जिनमनःपर्यवावधिज्ञानसमस्त श्रुतज्ञानिनश्च-- vिe शानि मन:पयशानी, अवधिज्ञानी, समस्तश्रुतना ll, (वाई) वादिनः-हिमा, (अणुत्तर गईय) अनुत्तरगतयश्च-अनुत्तर विभानामा गमन, (जत्तिया सिद्धा पाओवगया य) यावन्तः सिद्धाः पादपोपगताश्च-पापापमान सथा। घाण प्रशने २८ सिद्ध या छ तेमनु, (जे जे हिं) ये यत्र-तथा न्यi arni (जत्तियाई भत्ताई छेयइत्ता) यावन्ति भक्तानि छेदयित्वा-२८८॥ ४ानु (मतानु') मनशनद्वारा
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર