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समवायाङ्गसूत्रे
उच्चत्तं आउं वन्नविभागो सीसा गणा गणहरा य अजापवत्तणीओ संघस्स चउव्विहस्स जं वावि परिमाणं जिणमणपज्जवओहिमाण सम्मत्तसयनाणियो य वाई अणुत्तरगई य जत्तिया सिद्धा पाओवगया य जे जहिं जत्तियाई भत्ताइं छेदयित्ता अंतगडा मुणिवरुत्तमा तमरओघविप्पमुक्का सिद्धिपहमणुत्तरं च पत्ता एए अण्णे य एवमाइया भावा मूलपढमाणुओगे कहिआ आघविजंति पण्णविनंति परूविजंति, दंसिर्जति, निर्देसिज्जति, उवदंसिर्जति । से तं मूलपढमाणुओगे। से किं तं गंडियाणुओगे ? गंडियाणुओगे अणेगविहे पण्णत्ते, तं जहा-कुलगरगंडियाओ तित्थगरगंडियाओ गणहरगंडियाओ चकहरगंडियाओ दसारगंडियाओ बलदेवगंडियाओ वासुदेवगंडियाओ हरिवंसगंडियाओ तवोकम्मगंडियाओ चित्तंतरगंडियाओ उस्सप्पिणीगंडियाओ ओसप्पिणीगंडियाओ अमरनरतिरयनिरयगमणविविहपरियट्टणाणुओगे, एवमाइया ओगंडियाओ आघविजंति, पण्णविजंति, परूविजंति, दंसिजंति, निदंसिजंति, उवदंसिजति । से तं गंडियाणुओगे ॥४॥
से किं तं चूलियाओ ? जण्णं आइल्लाणं चउण्हं पुव्वाणं चूलियाओ सेसाई पुव्वाई अचूलियाई । से तं चुलियाओ ॥५॥
दिदिवायरस णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेजाओ निजुत्तीओ संखेजा सिलोगा, संखेजाओ संगहणीओ । से णं अंगट्टयाए बारसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, चउद्दस पुव्वाइं, संखेज्जावत्थू, संखेज्जा चूलवत्थू, संखेज्जा पाहुडा,
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર