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समवायाङ्गसूत्रे नियुक्तयः। संख्येयाः प्रतिपत्तयः। सा खलु व्याख्या प्रज्ञप्तिः-अङ्गार्थतया पञ्चममङ्गम् । अत्र-एकः श्रुतस्कन्धः, 'एगे साइरेगे अज्झयणसए' एकं सातिरेकमध्ययनशतम्-किंचिदधिकानि एकशतमध्ययनानि, 'दस उद्देगसहस्साई' दश उद्देशकसहस्राणि दशसहस्राणि उद्देशकाः, 'दशसमुद्देसगसहस्साई दशसमुद्देशकसहस्राणि-दशसहस्राणि समुद्देशकाः, 'छत्तोसं वागरणसहस्साई' षट्त्रिंशद् व्याकरणसहस्राणि-पत्रिंशत्सहस्राणि व्याकरणानि, 'दो लक्खाअढासीई पयस हस्साई द्वे लक्षे अष्टाशीतिः पदसहस्राणि-अष्टाशीति सहस्राधिक द्विलक्षपरिमितारि पदानि 'पयग्गेणं' पदाग्रेण-पदपरिमाणेन 'पण्णत्ता' प्रज्ञप्तानि । 'पण्णत्ता' इत्यस्य लिङ्गवचनविपरिणामेन सर्वत्राऽन्वयः कार्यः। तथाऽत्रसख्येयान्यक्षराणि नियुक्त यः-संख्यातनियुक्तियां हैं, (संखेजाओ संगहणीओ) संख्याताः संग्रहण्यः-संख्यात संग्रहणियां हैं, (सखेजाओ पडिवत्तीओ) संख्याताः पतिपत्तयः-संख्यात प्रतिपतियां हैं। (से गं अंगट्टयाए पचमे अंगे) साखल अङ्गार्थतया पश्चमम् अङ्गमम्-अंगों की अपेक्षा यह पांचमा अंग है। (एगे सुयक्खंधे) एकः श्रुतस्कन्धः-इसमें एक श्रुतस्कंध है । (एगे साइरेगे अज्झयणसए) एक सातिरेकमध्ययनशतम-कुछ अधिक एक सौ अध्ययन इस अंग में हैं। (दस उद्देसगसहस्साई) दशउद्देशकसहस्राणि-इस अंगमें दस हजार उद्देशक है । (दस समुद्देसगसहस्साई) दश समुद्देशकसहस्राणिइस अंग में दस हजार समुद्देशक हैं (छत्तीसं वागरणसहस्साई) षटत्रिंशत व्याकरणसहस्राणि छत्तीस हजार प्रश्नोत्तर हैं। (दो लक्खा अठ्ठासीई पयसहस्साई पयग्गेणं पण्णत्ताइ) द्वे लक्षे अष्टाशीतिपदसहस्राणि पदाग्रेण प्रज्ञप्तानि-पदपरिमाण की अपेक्षा इसमें दो लाख अट्टासी हजार पद हैं। इसमें (संखेजाई अक्खराई) संख्यातानि-अक्षराणि-संख्यात अक्षर हैं, क्तयः-संन्यात नियुतिय छ, (संखे जाओ संगहणीओ) संख्याताः संग्रहण्यःसज्यात स अणिमा छ, (संखेज्जाओ पडिवत्तीओ) संख्याताः प्रतिपत्तयःमन सभ्यात प्रतिपत्तिय छ, (से णं अगट्टयाए पंचमे अंगे) सा खलु अङ्गार्थतया पश्चमम् अङ्गम्-मानी अपेक्षा ते पायभुम छे. (एगे सुयवखंधे) एकः श्रुतस्कन्धः-तेमा २४ छ,(एगे साइरेगे अज्झयणसए) एकं सातिरेकमध्ययनशतम्--मेसे। थी थे। वारे अध्ययन के (दस उद्दे. सगसहस्साई) दशउद्देशकसहस्राणि--मा म स २ देश छ भने (दससमुद्देसगसहस्साइ) दशसमुद्देशक--सहस्राणि---६२२६०१२ समुदेश छे. (छत्तीसं वागरणसहस्साई) षट्त्रिंशत् व्याकरणसहस्राणि-छत्रीस Sm२ प्रश्नोत्तर ते, दो लक्खा अट्ठासीई पयसहस्साई पयग्गेण पण्णताई द्वे लक्षे अष्टाशीति पदसहस्राणि पदाग्रेण प्रज्ञप्तानि-तेमा मे ५ -4841सी GMR (२८८०००)नु ५६ प्रभाए छ. तेभा (संखेजाई अक्खंराई संख्यातानि) अक्षराणि
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર