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दश प्रकारके प्रत्याख्यानका निरूपण
५६५-५७२ दश प्रकारकी सामाचारीका निरूपण
५७३-५८० महावीर भगवान के दश महास्वप्नोंका निरूपण ५८१-५८३ दश महास्वप्न के फलका निरूपण
५८४-५९१ सराग सम्यग्दर्शनका निरूपण
५९२-५९९ दश प्रकारकी संज्ञाओंका निरूपण
६००-६०३ नैरयिकोंकी दुःखवेदनाका निरूपण
६०४-६०५ अमूर्त अर्थको जिन ही जानते है ऐसा निरूपण ६०६-६०९ जिनमणीत परोक्षार्थ प्रदर्शक श्रुतविशेषका निरूपण ६१०-६१८ नारकादि जीवके द्रव्यभेदका निरूपण
६१९-६२४ भद्रकर्मकारीके कारणका निरूपण
६२५-६३० आशंसा योगका निरूपण
६३१-६३३ दश प्रकारके धर्मका निरूपण
६३४-६३६ दश प्रकारके स्थविरोका निरूपण
६३७-६३८ पुत्रके भेदोंका निरूपण
६३९-६४१ दश प्रकारके अनुत्तरका निरूपण
६४२-६५३ मनुष्य क्षेत्रादिका निरूपण
६४१-६४६ दुष्षम सुषमाके परिज्ञान के प्रकारका निरूपण ६४७-६४८ मुषमसुषमाके कुछ विशेष कथन
६४९-६५१ दश कुलकरोंके नामका निरूपण
६५२-६५३ दश प्रकारके वक्षस्कार पर्वतका निरूपण कल्पके स्वरूपका निरूपण
६५५-६५७ दश प्रकारके प्रतिमा के स्वरूपका निरूपण ६५८-६६१ जीवके भेदका निरूपण
६६२-६६४ संसारी जीवके अवस्थाका निरूपण
६६५-६७१ वनस्पतिकी अवस्थाका निरूपण
६७२ विद्याधर श्रेणियोंके विष्कम्भमानका निरूपण ६७३-६७५
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م ع سر هم
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શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૫