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________________ १३५ १३६ १३७ १३९ १४० १४१ संयम और असंयम आदिके भेदों का निरूपण ६७८-६८१ अतसी कुसुम आदि धान्यों का योनिकाल-उत्पादक स्थिति कालका निरूपण ६८२-६८४ बादर-अप्कायिक आदिकों का स्थितिकालका निरूपण ६८५-६८५ शक्र और ईशानेन्द्र के अग्रमहिषीयोंकी संख्याका और स्थितिका निरूपण ६८६-६८८ सनत्कुमार आदि कल्पों में रहे हुए देवों की स्थितिका निरूपण ६८९-६९० नन्दीश्वरद्वीपके अन्तर्गत द्वीपों का निरूपण ६९१-६९५ चमरेन्द्रादिकों के अनीक और उनके अनीकाधिपतियों का निरूपण ६९६-७०४ चमरेन्द्रादिकों के पादातानीक और उनके अनीकाधिपतियों का निरूपण ७०५-७१२ सात प्रकारके यवन विकल्पोका निरूपण ७१२ बिनयके स्वरूपका निरूपण ७१३-७२७ समुद्घातके स्वरूपका निरूपण ७२८-७३५ नियों के स्वरूपका निरूपण ७३६-७३९ साता और असाताके स्वरूपका निरूपण ७४० ज्योतिष्क देवों का निरूपण ७४१-७४५ देवों के निवासभूत कूटोंका निरूपण ७४६-७४८ द्वोन्द्रिय जीवों का निरूपण ७४९ चयादिका निरूपण ७४९-७५१ १४२ १४३ १४४ १४५ १४७ १४८ १४९ समाप्त श्री. स्थानांग सूत्र :०४
SR No.006312
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages775
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size42 MB
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