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स्थानाङ्गसूत्रे प्रकार के कहे गये हैं-जैसे-अण्डज, पोतज और संमूच्छिम, इनमें जो अण्डज पक्षी हैं वे स्त्री पुरुष और नपुंसक के भेद से तीन प्रकारके कहे गये हैं -पोतज पक्षी भी तीन प्रकारके कहे गये हैं --स्त्री, पुरुष और नपुंसक इस तरहके इस अभिलापद्वारा उरः परिसर्प और भुज परिसर्पके विषयमें भी कथन करना चाहिये । इसी तरह से त्रिविध तिर्यग्योनिक कहे गये हैं-जैसे-स्त्री, पुरुप और नपुंसक इनमें स्त्रियां तीन प्रकार की कही गई हैं। जैसे तिर्यग्योनिक स्त्रियां, मनुष्यस्त्रियां और देवस्त्रियां तिर्य ग्योनिकस्त्रियां भी तीन प्रकारकी कही गई हैं-जलचरी, स्थलचरी
और खेचरी मनुष्यस्त्रियां-कर्मभूमिजा, अकर्मभूमिजा और अन्तरद्वीपजा के भेद से तीन प्रकारकी होती हैं, तिर्यग्योनिक पुरुष, मनुष्य पुरुष और देवपुरुष के भेद से पुरुष तीन तरह के होते हैं । तिर्यग्योनिकपुरुष भी तीन प्रकार के होते हैं । जैसे जलचर, स्थलचर और खेचर, मनुष्य पुरुष कर्मभूमिज, अकर्मभूमिज अन्तरद्वीपज ऐसे तीन भेदवाले हैं। नपुंसक भी तीन प्रकार के होते हैं-नैरयिक नपुंसक, तिर्यग् नपुंसक और मनुष्यन पुंसक, तिर्यग्योनि नपुंसक भी तीन प्रकार हैं । जलचर, त्र २ ४ा छे-(१) ४, पात भने (3) स भूमि . तमाथी २ અંડજ પક્ષી છે તેના નર, નારી (માદા) અને નપુંસક એવા ત્રણ ભેદ કહ્યા છે. પિતજ પક્ષીના પણ નર, માદા, અને નપુંસક એવા ત્રણ પ્રકાર છે. આ રીતે જ-આ પ્રકારના અભિલાપ દ્વારા ઉર પરિસર્ષ અને ભુજ પરિસર્ષના ભેદનું કથન પણ સમજવું જોઈએ. એ જ પ્રમાણે તિયાનિકના પણ ત્રણ
.२ ४ा छे-(१) स्त्री, (२) पुरुष मने (3) नस६. तिय-योनि खाना નીચે પ્રમાણે ત્રણ પ્રકાર છે-(૧) તિર્થગેનિક સ્ત્રીઓ, (૨) મનુષ્યનિક સ્ત્રીઓ અને (૩) દેવસ્ત્રીઓ (દેવીઓ) તિય ગેનિક સ્ત્રીઓના ત્રણ પ્રકાર छ-(१) सयरी, (२) २५सयरी भने (3) मेयरी, मनुष्य श्रीयोन। पत्र ५२ छे. (१) ४ भूमिon (२) मम मूभित (3) मन्तPalun. पुरुषन। पान त्रय
२ सय छ-(१) ति यानि पुरुष, (२) मनुश्य पुरुष मने (3) वधु२५, तिय-योनि पुरुषना ५Y AL प्रमाणे त्रले -(१) सय२, (२) २५स२२ मन (3) मेय२. मनुष्य पुरुषना ५७ र २ ४ा छ-(1) . ભૂમિજ, (૨) અકર્મભૂમિ અને (૩) અન્તરદ્વીપજ નપુંસકના પણ ત્રણ ત્રણ પ્રકાર छ-(१) नयु ना२।, (२)नस तिय ! मन (3) नपुस मनुष्यो न:સક તિર્યંચના પણ નીચે પ્રમાણે ત્રણ ભેદ છે-(૧) જળચર, (૨) સ્થળચર અને
શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૧