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________________ ३३४ स्थानाङ्गम यतिर्यग्योनिकानां विषये “ तत्थगयावि, अन्नत्यगयावि" इत्यभिलापो वाच्यः, मनुष्यदण्ड के तु " इहगयावि अन्नत्थगयावि" इत्यभिलापो वाच्यः, मनुष्यभवस्य स्वीकारेण प्रत्यक्षासन्नवाचिन इदं शब्दस्य विषयत्वात् , अत एवाह-' मणुस्सयज्जा सेसा एक्कगमा' इति, मनुष्यवर्जिताः शेषाः-अन्ये त्रयोविंशतिदण्डकाः एकगमाः-सहशालापकाः सन्ति, मनुष्यालापके 'इहगयापि' इत्युक्तत्वात् ॥सू०२१॥ पूर्व चतुर्विंशतिदण्ड के 'तत्रगता वेदनां वेदयन्ति ' इति प्रोक्तमतो नारकादीनां गतिमागतिं च निरूपयन्नाह ___ मूलम्-नेरइया दुगइया दुआगइया पण्णत्ता तं जहा नेरइए नेरइएसु उववजमाणे मणुस्सेहिंतो वा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववजेजा। से चेव णं से नेरइए णेरइयत्तं विप्पन्द्रिय तिर्यश्चयोनियों के विषय में " तत्थगया वि अन्नस्थ गया वि" ऐसा अभिलाप कहना चाहिये और मनुष्य दण्डक में " इह गया वि अन्नत्यगया वि" ऐसा अभिलाप कहना चाहिये मनुष्यालापक में जो " इह " पद का प्रयोग किया गया है उसका कारण ऐसा है कि मनु व्यभव प्रत्यक्ष और आसन्न है प्रत्यक्ष और आसन्न अर्थ के विषय में ही इदं शब्द का प्रयोग होता है, क्योंकि प्रत्यक्ष और आसन्न अर्थ का वाचक ही इदं शब्द होता है इसीलिये " मणुस्सवज्जा सेसा एक्कगमा" ऐसा कहा है कि मनुष्य वर्जित शेष २३ दण्डक सदृश आलापयाले हैं और मनुष्यालापक"इह गया वि" इस आलापक वाला है। सू २१ ॥ asa पयन्द्रिय तिय" यानि पय-तना समयमा “ तत्थगया वि अन्नत्य गया वि" । अनिदापर्नु ४थन थ नये. मने मनुष्य मा इह गया वि अमत्थगया वि" ॥ मासानु ४थन ये मनुष्य विषय माया५४मा २ " इह " पहने प्रयास ४२॥मा मा०ये। छे तेनुं ॥२६५ मे छ કે મનુષ્ય ભવ પ્રત્યક્ષ અને આ સન્ન છે. પ્રત્યક્ષ અને આસન્ન (સમીપ)અર્થને વિષયમાંજ ઈહ (આ) પદનો પ્રયોગ થાય છે, કારણ કે ઈહિ શબ્દ પ્રત્યક્ષ અને मासन्न अर्थन पाय छ. तेथी“ मणुस्सवज्जा सेसा एकगमा" से 3. વામાં આવ્યું છે કે મનુષ્ય સિવાયના ૨૩ દંડક એક સરખા આલાપવાળાં છે, भने मनुष्य ४४ " इह गया वि" " वन रे छ,” ॥ પ્રકારના આલાપવાળું છે. એ સૂ૦ ૨૧ છે શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૧
SR No.006309
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages710
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size42 MB
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