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________________ २१० स्थानाङ्गसूत्रे दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- मायावत्तियाचेव मिच्छादंसणवत्तिया चेव । मायावत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - आयभाववंकणता चेव । परभाववंकणता चेव । मिच्छा, दंसणवत्तया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - ऊणाइरितमिच्छादंसणवत्तिया चेव, तव्वइरित्तमिच्छादंसणवत्तिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - दिट्टिया चेव पुट्टिया चेव । दिट्टिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - जीवदिट्टिया चेव अजीवदिडिया चेव । एवं पुट्टियादि । दो किरियाओ पण्णताओ, तं जहा - पाडुच्चिया चेय सामंतोवणिवाइया चेव । पाडुचिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवपाडुच्चिया चेव । अजीवपाडुच्चिया चेव । एवं सामंतोवणिवाइयावि | दो किरयाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - साहत्थिया चेव सत्थिया चेव । साहत्थिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - जीव साहित्थिया चेव अजीवसाहत्थिया चेव । एवं सत्थियावि | दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - आणवणिया चेव वेयारणिया चेव । जहेव सत्थियाओ | दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - अणाभोगवत्तिया चेव अणवकखवत्तिया चेव । अणाभोगवत्तिया किरिया दुबिहा पण्णत्ता, तं जहा - अणाउत आइयणता चेव अणाउत्तपमज्जणता चेव । अणवकखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - आयसरीरअणवकखपत्तिया चेव परसरीरअणवकं - खबत्तिया चेव | दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - पेज्जव શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૧
SR No.006309
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages710
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size42 MB
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