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________________ ६३६ सूत्रकृताङ्गसूत्रे ___ अन्वयार्थः-(धीरे भिक्खू) धीरो विवेकी भिक्षुः साधुः (सव्वाइं संगाई अइच) सर्वान् संगान सम्बन्धान अतीत्य परित्यज्य (सव्वाइं दुक्खाइं तितिक्खमाणे) सर्वाणि दुःखानि-शीतोष्णादिरूपाणि परीषहोपसर्गजनितानि तितिक्षमाणोऽधिसहन (अखिले अगिद्धे अणिएयचारी) अखिलो ज्ञानदर्शनचारित्रैः संपूर्णः अगृद्धः कामेषु तथा अनिकेतचारी अप्रतिबद्धविहारी (अभयंकरे) अभयंकरो भूतानामभयदाता (अगाविलप्पा) अनाविलात्मा विषयकषायरहितः संयम पालयेत् इति ॥२८॥ छोडकर 'सव्वाई दुक्खाई तितिक्खमाणे-सर्वाणि दुःखानि तितिक्षमाणः' सब प्रकार के दुःखों को सहन करता हुआ 'अखिले अगिद्धे अणिएयचारी-अखिलो अगृद्वः अनियतचारी' ज्ञान दर्शन और चारित्र से सम्पूर्ण तथा विषय भोगों में आसक्त न होता हुआ एवं अप्रतिबद्ध विहारी 'अभयंकरे-अभयंकरः' प्राणियों को अभय देनेवाला 'अणाविलप्पा-अनाविलात्मा' तथा विषयकषयों से अनाकूल आत्मा. वाला होकर सम्यकू प्रकारसे संयमका पालन करता है ॥२८॥ ___ अन्वयार्थ--धैर्यवान् भिक्षु समस्त संगों सम्बंधों से अलग रहकर समस्त दुःखों को सहन करता हुआ, ज्ञान दर्शन चारित्र तप से सम्पूर्ण होकर, कामभोगों में अनासक्त, अप्रतिबद्धविहारी, अभयंकरप्राणियों को अभयदाता और विषय कषाय से रहित होकर संयम का पालन करें ॥२८॥ दुक्खाई तितिक्खमाणे-सर्वाणि दुःखानि तितिक्षमाणः' ५५ ५२ना माने सहन ७२ता थ। 'अखिले अगिद्धे अणिएयचारी-अखिलोऽगृद्धः अनियतचारी' જ્ઞાનદર્શન અને ચારિત્રથી સંપૂર્ણ તથા વિષયભોગમાં આસક્ત ન થતા २४ तथा मप्रतिमद्धविहारी 'अभय करे--अभय कर प्राणियोने लय भा५. पापा 'अणाविलप्पा-अनाविलात्मा' तथा विषय पायोथी मनाप मामाવાળા થઈને સમ્યક્ પ્રકારથી સંયમનું પાલન કરે છે. ૨૮ सूत्राय -धेयवान साधुसे समस्त सोनी (सप धोनी) त्या ४रीने, સમસ્ત દુઃખને સહન કરતા થકા, જ્ઞાન, દર્શન, ચારિત્ર અને તપથી પરિ. પૂર્ણ બનીને, કામ પ્રત્યે અનાસક્ત ભાવ રાખીને, અપ્રતિબદ્ધ વિહારી, અભયંકર (પ્રાણીઓને અભયદાતા) અને વિષય કષાયથી નિવૃત્ત થઈને સંયમનું પાલન કરવું જોઈએ. ૨૮ શ્રી સૂત્ર કતાંગ સૂત્ર : ૨
SR No.006306
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages728
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size40 MB
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