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________________ - आचारचिन्तामणि-टीका अवतरणा नव तिथयश्च वर्जनीयाः(१) शुक्ला चतुर्दशी (२) अमावास्या (३) यस्यां तिथौ रविसंक्रमणं, सा। (४) द्वितीया, (५) चतुर्थी, (६) षष्ठी, (७) अष्टमी, (८) नवमी, (९) द्वादशी। (४) वार-विचार:रवि - चन्द्र - बुध - गुरु - वाराः प्रशस्ताः (५) नक्षत्र-विचारःदीक्षायां त्रयोदश नक्षत्राणि प्रशस्तानि- (१) अश्विनी, (२) रोहिणी, (३) मृगशिरः, (४) पुष्यम् , (५) उत्तरफाल्गुनी, (६) हस्तः (७) अनुराधा, (८) ज्येष्ठा, (९) उत्तराषाढा , (१०) अभिजित् , (११) श्रवणम् , (१२) उत्तरभाद्रपदा, (१३) रेवती। नौ तिथियां त्याज्य हैं(१)-शुक्ला चतुर्दशी, (२)-अमावास्या, (३)-जिस तिथि में सूर्य-संक्रमण हो वह, (४)-द्वितीया (५)-चतुर्थी (६)-षष्ठी (७)-अष्टमी (८)-नवमी (९) द्वादशी । (४) वार-विचाररवि, सोम, बुध, गुरु, और शनिवार प्रशस्त हैं। (५) नक्षत्र-विचारदीक्षा के विषय में तेरह १३ नक्षत्र प्रशस्त हैं। (१)-अश्विनी, (२)-रोहिणी, (३)मृगशीर्ष, (४)-पुष्य. (५)-उत्तराफाल्गुनी (६)-हस्त, (७)-अनुराधा, (८)-ज्येष्ठा, (९)उत्तराषाढा, (१०)-अभिजित् , (११)-श्रवण, (१२)-उत्तराभाद्रपद, (१६)-रेवती । નવ તિથિઓ ત્યાજ્ય છે(१) शुस यतुशी, (२) मावास्या (3) २ तिथिमा सूर्य-सभर थाय ते, (४) द्वितीया, (५) यतुथी, (6) पठी, (७) म०टभी (८) नवमी (6) all (४) पार विचार२वि, सोम, बुध, १३ भने शनिवार उत्तम छे. (५) नक्षत्र-पियारElaाना विषयमा ते२ नक्षत्र उत्तम छ:- (१) श्विनी, (२) डी, (3) भृशष', (४) पुष्य, (५) उत्तराशुनी, (६) ७२त, (७) मनुराधा (८) ज्ये81 (6) उत्तराषाढा, (१०) ममिति (११) श्रवण (१२) उत्तरभाद्रपद, (१३) रेवती. શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૧
SR No.006301
Book TitleAgam 01 Ang 01 Aacharang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages781
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size35 MB
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