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आचाराङ्गमुत्रे
हृदयमा भिन्द्यात्र, अप्येकः स्तनमाभिन्द्यात्र, अप्येकः स्कन्धमाभिन्द्यात्र, अप्येकः बाहुमाभिन्द्यात्२, अप्येकः हस्तमाभिन्द्यात्, अप्येकः अङ्गुलिमाभिन्द्यात् २, अप्येकः नखमाभिन्द्यात्र, अप्येकः ग्रीवामाभिन्द्यात्र, अप्येकः हनु आभिन्द्यात्२, अप्येकः ओष्ठमा भिन्द्यात्२, अप्येकः दन्तमाभिन्द्यात् २, अप्येकः जिह्वामाभिन्द्यात्२, अप्येकः तालु आभिन्द्यात्र, अप्येकः गलमाभिन्यातूर, अप्येकः गण्डमाभिन्द्यात्र, अप्येकः कर्णमाभिन्द्यात् २ अप्येकः नासामाभिन्द्यात्र, अप्येकः अक्षि आमिन्द्यात्२, अप्येकः माभिन्द्यात्र, अप्येकः ललाटमाभिन्द्यात्र, अप्येकः शीर्षमाभिन्द्यात् २, अप्येकः संप्रमारयेत्, अध्येकः उपद्रावयेत् ॥ सू. ५ ॥
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को भेदे छेदे, कोई हृदय को भेदे छेदे, कोई बाहु को भेदे छेदे, कोई नख को भेदे छेदे, भेदे छेदे, कोई होठ को छेदे, कोई तालु को भेदे छेदे, कोई भेदे छेदे, कोई कान को भेदे छेदे, कोई भौंह को भेदे छेदे, कोई ललाट को भेदे छेदे, कोई सिरको भेदे छेदे, कोई मारकर बेहोश कर दे; या कोई मार ही डाले, इस प्रकार इन्द्रियबलहीन होने पर भी उसे वेदना का अनुभव होता ही है । सू. ५ ॥
भेदे छेदे, कोई स्तन को छेदे, कोई हाथ को भेदे कोई गर्दन को भेदे छेदे, भेदे छेदे, कोई दांत को भेदे गले को भेदे छेदे, कोई कोई नाकको भेदे छेदे, कोई
भेदे छेदे, कोई कन्धे को छेदे, कोई उंगली को भेदे कोई हनु (डाढी - ठोडी) को छेदे, कोई जीभ को भेदे, गंडस्थल ( कनपटी) को आंख को भेदे छेदे,
હૃદયને ભેદે છેઠે, કેાઈ સ્તનને ભેદે છેદે, કાઈ કાંધને ભેદે-છેદે, કાઈ ખાહૂને ભેદે છેદે, કાઈ હાથને ભેદે-છેદે, કઈ આંગલીને ભેદે-છેદે, કાઈ નખને ભેદે-છેદે, કેાઈ ગઈનને ભેદે દે, अर्ध डाढीने लेहे-छेढे, अर्ध होउने छेटे-लेटे, अध हांतने लेहे छेडे, अर्धकलने लेहे छेहे, अर्ध तालु-(ताजवा) ने लेटे-छेहे, अर्ध गणाने लेहे-छेहे, अर्थ गंडस्थल (सभा) अनपटीने लेहे-छेहे, अर्ध अनने लेहे-छेहे, अर्ध नाउने लेहे-छेहे, अर्ध सामने लेटे-बेटे, अर्ध लंभरने लेहे-छेहे, अर्थ ससाटने लेहे-छेहे, अर्ध शिरने लेटे-छेहे, કાઈ મારીને બેહોશ કરી દે, અથવા કાઈ મારીજ નાંખે, આ પ્રમાણે ઇન્દ્રિયખલહીન હાવા છતાં પણ તેને વેદનાના અનુભવ થાય છે. (૫)
શ્રી આચારાંગ સૂત્ર ઃ ૧