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'अस्वाध्याय काल' एक दृष्टि में 1. किसी बड़े तारे का टूटना
एक प्रहर तक 2. दिशा-दाह
जब तक रहे 3. अकाल मेघ-गर्जना
दो प्रहर तक 4. अकाल बिजली चमकना
एक प्रहर 5. अकाल बिजली कड़कना
दो प्रहर 6. शुक्ल पक्ष की एकम, दूज व तीज एक प्रहर रात्रि 7. आकाश में यक्ष का चिन्ह
जब तक रहे 8. धूमिकाकृष्ण
जब तक रहे 9. मिहिकाश्वेत
जब तक रहे 10. धूलाच्छादित आकाश-मण्डल जब तक रहे 11,12,13 स्वाध्याय-स्थल के 60 हाथ तक
पंचेन्द्रिय तिर्यंच व 100 हाथ तक
मनुष्य की हड्डी, मांस व रक्त जब तक रहे 14. अशुचि का दृश्य या अशुचि की दुर्गंध जब तक रहे 15. स्वाध्याय-स्थल के 100 हाथ तक श्मशान-भूमि हो
सदैव 16. चन्द्र-ग्रहण
जघन्य-आठ, मध्यमः बारह,
उत्कृष्टः सोलह प्रहर 17. सूर्य-ग्रहण
जघन्य-आठ, मध्यमः बारह,
उत्कृष्टः सोलह प्रहर 18. राष्ट्राध्यक्ष की मृत्यु
नवीन राष्ट्राध्यक्ष बनने तक 19. युद्धस्थल के निकट
युद्ध-समाप्ति तक 20. स्वाध्याय-स्थल पर पंचेन्द्रिय का शव जब तक रहे 21-25 आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, चैत्र की पूर्णिमा
एक दिन-रात 26-30 उक्त पूर्णिमाओं के बाद की प्रतिपदाएं एक दिन-रात 31-34 प्रातः, मध्यान्ह, संध्या व अर्धरात्रि एक-एक मुहूर्त
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उत्तराध्ययन सूत्र