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________________ a २०. जो भिक्षु सिद्ध (परमेष्ठी) देवों के (इकतीस) अति (उत्कृष्ट/ असाधारण) गुणों२४ (की प्राप्ति करने की दिशा) में ('आलोचना' आदि बत्तीस शुभव्यापार रूप) योगों२५ (के अनुष्ठान) में, तथा तैंतीस प्रकार की आशातनाओं२६ (से बचने तथा गुरुजनों के प्रति विनय, भक्ति, बहुमान आदि करने) में सतत यत्नशील (विवेक व यतनापूर्वक सचेष्ट) रहा करता है, वह मण्डल/संसार में नहीं ठहरता। २१. इस प्रकार, जो पण्डित (ज्ञानी) भिक्षु इन (तैंतीस) स्थानों के माध्यम से प्रतिपादित चारित्र-विधि) में सदा यत्नशील (विवेक व यतनापूर्वक सचेष्ट) रहा करता है, वह शीघ्र समस्त संसार (के बन्धनों) से 'विमुक्त' हो जाता है। -ऐसा मैं कहता हूँ। 00 टिप्पण क्रमतः १. कायिकी-शरीर से होने वाली/की जाने वाली क्रिया। अधिकरणिकी-घातक शस्त्र आदि के प्रयोग से की जाने वाली क्रिया । प्राद्वेषिकी-द्वेष, ईर्ष्या आदि के कारण की जाने वाली क्रिया। पारितापनिकी-किसी को पीड़ा आदि देने से सम्बन्धित क्रिया। प्राणातिपातिकी- 'स्व' या 'पर' के प्राण-वध से सम्बन्धित क्रिया। २ इनका निरूपण उत्तराध्ययन के २६/३३-३५ में पहले किया जा चुका है। ३ इनका निरूपण उत्तराध्ययन के ३०/२५ में पहले हो चुका है। ४ अवग्रह-प्रतिमाएं- स्थान-सम्बन्धी सात प्रतिज्ञाएं इस प्रकार हैं: (१) अमुक प्रकार के स्थान में ही रहूंगा-यह संकल्प/अभिग्रह (२) अन्य साधुओं के लिए ही स्थान की याचना करूंगा, अन्य साधुओं द्वारा याचित स्थान में ही रहूंगा । (३) अन्य साधुओं के लिए ही स्थान की याचना करूंगा, किन्तु अन्य द्वारा याचित स्थान में नहीं रहूंगा। (४) मैं अन्य के लिए स्थान की याचना नहीं करूंगा, किन्तु अन्य द्वारा याचित स्थान में रहंगा। (५) स्वयं के लिए स्थान की याचना करूंगा, अन्य के लिए नहीं, (६) जिसके स्थान का उपयोग करूंगा, उसी के यहां उपलब्ध ही 'संस्तारक' सामग्री का उपयोग करूंगा, अन्यथा, सारी रात बैठकर बिता दूंगा। (७) जिसके स्थान का उपयोग करूंगा, उसी के यहां सहज भाव से पहले से ही रखे शिलापट्ट/काष्ठ पट्ट आदि का उपयोग करूंगा, अन्यथा सारी रात-बैठे-बैठे बिता दूंगा (इत्यादि प्रकार के संकल्प व अभिग्रह)। अध्ययन-३१ ६४५
SR No.006300
Book TitleUttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year1999
Total Pages922
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size125 MB
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