________________
ध्यानकल्पतरू.
सी युक्तीसे लग्न करादिया, अब वो दोनो भलाइ ताबे उम्मर रोवो. अपना तो मतलब हो गया. ऐसेही गाय अश्वादी पशूवोंकों, तोता मैनादी पक्षीकी, खेत, बाग, बावडीयादीकी, झूटी परसंस्या कर, प्रपंच रच, रुपका प्रावृत (पलटा)कर. बुरेके अच्छे बनाकर, ज्यादा कीमत उपजावे, और खुशी होवे, तैसे पुराने वस्त्रोंको, रंगादी प्रयोगसे नवे बना, खोटे भुषणोंको सच्चे बना, या अच्छा माल बताके खोटा दे, हर्ष मानें, कोइ विश्वाससे अपने स्वजन मित्रको गुप्त धन भूषण थापन रख गया होय, उसे दबा रक्खे मालकको न दे. ऐसेही झूटी गवाइयों खडीकर झूटे खत (रुके) बनाके गृह धनादिकका हरण कर खुशी होवें. ऐसे अनेक वेपारके कामोमें, दगाबाजी करे, परपंच रचके दूसरेको छलनेका विचार करे सो मृषानुवन्ध रौद्रध्यान.
अपना मन माना मिथ्या पंथ चलाने वितराग कथित शास्त्रको छोड. अनेक कल्पित (झूटे) ग्रन्थ, चरित्र. वगैरे बलाके; विचारे भोले जीवोंकों