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लजी सुलतानमलजीने 'भीमसेण हरीसेणकी' ढालकी १००० प्रत छपवाके अमुल्य भेट दी. तैसेही हैद्राबाद ज्ञान वृद्धिक खाताकी तर्फसे भक्तामरस्तोत्रकी १२०० प्रत छपवाके अमुल्य भेट दी. तैसेही सिकंदराबाद(हैद्राबाद) गुलाबचंदजी गणेशमलजी समदरीया तर्फसे श्री गणेशबौधकी १००० प्रत तथारामलाल पनालाल कीमतीजीकी तर्फसे२५० प्रत यों१२५०प्रत छपवाकेअ मुल्य भेट दी.तैसेही जैन शिशु बौधनीकी ५०० प्रत ज्ञान वृधिक खातेका तर्फसे. तैसेही लालजी कीमती जी और घोड नदी (पुन) वाले कुंदन मलजी घुमर मलजी बापणा और सिकद्राबाद के गुलाबचंदजी गणेशमलजी समदरीकी तर्फ से यह ध्यानकल्पतरू"ग्र न्थ की१२५०प्रतो अमुल्य भेट दीजातीहै. योआजतक सुम्मार छोटीबडी १२५०० पुस्तकों तो अमुल्य भेटदी गइ हैं. और सिकद्राबादके सेठ सागर मलजी गिरधारीलालजी तथा सहसमलजी जुगराजजी की तर्फ से "जैन तत्वप्रकाश” की दूसरी आवृती की१०००प्रत और अन्य२ग्रन्थों की तर्फ से १००० प्रतयों जैन त. त्व प्रकाशकी २०००प्रतो (छपरही है) और सिकंद्रा बाद के शिवराजजी रूगनाथ मलजी की तर्फसे मदन चरित्र ५७ खंड (१०८ ढाल) की १०००प्रते; और