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जैन धर्म और वैदिक धर्म की सांस्कृतिक एकता (पृष्ठभूमि और परम्परा)
संस्कृति है क्या?
संस्कृति का वास्तविक अर्थ क्या है - इस विषय में अनेक परिभाषाएं विद्वानों की ओर से प्राप्त होती रही हैं। एक्इ विद्वान् के अनुसार, 'संसार भर में जो भी सर्वोत्तम बातें जानी या कही गई हैं, उनसे अपने आप को परिचित करना 'संस्कृति' है । एक अन्य विद्वान् के मत में शारीरिक या मानसिक शक्तियों का प्रशिक्षण, दृढीकरण या विकास अथवा उनसे उत्पन्न अवस्था का नाम 'संस्कृति' है। कुछ विद्वानों ने संस्कृति को परिभाषित करते हुए कहा है- मन, आचार अथवा रुचियों की परिष्कृति या शुद्धि ही 'संस्कृति' है ।
भारतीय संस्कृतिः सामासिक संस्कृति
भारतीय संस्कृति को समग्र रूप से देखें तो इसमें अनेक सांस्कृतिक विचारधाराओं का एक समन्वित रूप दिखाई पड़ता है। अनेक प्रमुख विचारधाराएं तथा अनेकानेक छोटी-बड़ी उपधाराएं मिलकर एक दूसरे को प्रभावित करते हुए और एक दूसरे से प्रभावित होते हुए विकास पथ पर बढ़ती रही हैं जिन्हें हम समग्र रूप से भारतीय संस्कृति के रूप में जानते-समझते हैं । संक्षेप में, भारतीय जनता की संस्कृति का रूप सामासिक है और यह क्रमशः परिष्कृत, विकसित होती रही है ।
प्रथम खण्ड / 1