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________________ घणो सम्मान ओ ब्याई । घोडी पर बैठो बनडोजी सोवे ॥२०॥ गायांरा गोकुल थाने जो देसां, हाथ जोडी ने कन्यादान करसां ओ ब्याई । घोडी पर बैठो बनडोजी सोवे ॥२१॥ बोटी री चाल थे छोडो ब्याई, पुण्य तो थे ही कमावो ओ ब्याई । घोडी पर बैठो बनडोजी सोवे ||२२|| * बना (तर्ज-- सुनो श्रोताजी धर ध्यान कलियुग नाच करे ।) हाँ जी बना सात व्यसन का करो त्याग, छोटी सी उमर में । हाँ जी बनी कौन देवेला माने ज्ञान, छोटी सी उमर में || हाँ जी बना सतगुरु देवेला थाने ज्ञान, छोटी सी उमर में । हाँ जी बना सट्ठा जुआरा करदो त्याग, पाण्डव दुःख पाया || हाँ जी बना भांग गांजारी रो कर दो त्याग, दारु मत पीवो || हाँ जो बना परनारी का कर दो त्याग, रावण दुःख पाया | हाँ जी बना चोरी का कर दो त्याग, कलंक लागे कुल में ॥ हाँ जी बना वेश्यागमन का करो त्याग, इज्जत रहजासी ॥ हाँ जी बना अभक्ष्य का करो त्याग, छोटी सी उमर में । हाँ जी बना रात्रि भोजन का करो त्याग, छोटी सी उमर में । हाँ ए बनी आछो बतायो माने ज्ञान, हिरदां में 92
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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