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मांरी बिदली लाल गुलाल, मोतीडा सु मांग भरी आपरी अंगिया है कसुमल रंग, गोटा जडाव सु जडी आपरी चून्दडी है लाल मजीठ तो नखामेहंप राच रही मां रे ओढन दिखनी चीर, तो नेणा सुरमा सार रही। माता बैठा है. गलीचा डाल, बहुबेटियां हाजर खड़ी। वे तो लुल लुल लागेलो पाय, अमर आशीश घणी । नोट : इसी तरह अन्य माताओं और तीर्थंकरों का नाम लेना चाहिए।
॥ बधाओ और चून्दडी ॥
(तर्ज-बधाओ जो मारो आवियो) मोतियां रा लूमक झूमका, कस्तूरी ओ राजा बंदरवाल बधावो जी माहरे आवियो॥टेर।। बांधु नाभि राजा रे ओवरे, बांधु विश्वसेन राजा रे ओवरे । ज्यां जाया ओ आदिनाथ देव, बधावोजी माहरे आवियो । ज्यां जाया ओ शान्तिनाथ देव बधावो जी माहरे आवियो ॥१॥ जाया रा हरष बधावना, संजम रे ओ प्रभु लाड ने कोढ़, बधावो जी माहरे आवियो॥२॥ चार रंगाओ चोखी चुन्दडी, परदेशन ओ आयी सुभद्रा ओढाय, बधावो जी माहरे आवियो ॥३॥ चार मंगाओ चोखा चूडला, परदेशन ओ आई बहिन पहराय, बधावो जी माहरे आवियो.॥४॥