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करनो उग्र विहार ये बाई, मत ले जामण जायी
आगल्या ॥१२॥ हां ये बाई घर-घर फिरनो थाने गोली, ये बाई करनो माथा रो लोच ये बाई, मत ले जाम अायी आनन्या ॥१३।। हां रे वीरा घर-घर फिर गोचरी, ओ वीरा करस्यां उग्र विहार हे वीरा दे दो जामण जाया आगन्धा ॥१४॥ हां ये बाई दोष बयालीस टालनो, लेनो है सूझतो आहार ये बाई, मती ले जामण जायी अगन्या ॥१५॥ हां रे वीरा दोष बयालीयस टालस्यां, ये वीरा लेस्या, सूझतो आहार रे वीरा, दे दो जामण जाया अगन्या ॥१६॥ हां ये बाई माहरी तो आज्ञा नहीं लगे, देवेला ससुरा जाया जेठ ये बाई, मती ले जामण जायी अगन्या ॥१७॥ हां रे वीरा ससुरा जाया जग में है नहीं, माहरे थे छो जामण जाया वीर रे भाई दे दो जामण जाया अगन्या ॥१८॥ हां ये बाई माता रे आपां दोय लाड़ला, एक वीरो दूजी बहिन रे बाई, मती ले जामण जायी अगन्या ॥१९॥ हां ओ मारासा कोई ये बेरावे ओगा पातरा, कोई बेरावे सूत्र ज्ञान ओ मारासा, मैं बहिराऊं मारी बहिन ने ॥२०॥ हां ओ मारासा कोई बेरावे लाडू डोवटा, कोई घेवर बहिराय ओ मारासा, मैं बहिराऊं मारी बहिन ने ॥२१॥ हां ओ मारासा तपस्या थोड़ी करावजो, भूखी
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