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नीन्दजी मांहे, अंधारे बोल्यो कृकडो ॥२॥ भावज ओ कई पंछी बोलियो, ये तो बोल्यो छे ढलती रात ने मांहे अंधारे बोल्यो कुकडो ।।३॥ ये बाईसा ये थांका वर बोलिया, ये तो बोल्यो छे ढलती रात ने मांहे, अंधारे बोलयो कुकडो ॥४। हे वीरा पौ फाठी दिन ऊगियो, बहन पहुँची वीरा रे पास ओ वीरा, दे दो जामण जाया आगन्या ॥५॥ हां हे वाई कुण थाने मोसो बोलियो, कुण थारी लोपी है कार हे बाई, मत ले जामण जायी अगन्या ॥६॥ हां रे वीरा भावज मोसा बोलिया, भावज लोपी छे कार हे वीरा, दे दो जामण जाया आगन्या ॥७॥ हां हे बाई भावज पग री मोजडी, है बाई दिन परणु पचास हे बाई, मत ले जामण जायी अगन्या ॥८॥ हां ओ वीरा लावोनी ओगा पातरा, ओ वीरा लावोनी सूत्र रो ज्ञान हे वीरा, दे दो ज मण जाया अगन्या ॥९॥ हाँ हे बाई छाती भरीजे हिवडो हबके, माहरे नेणां में आंसू धार ये बाई, मत ले जामण जायी अगन्या ॥१०॥ हां ये बाई पांव उगाडा चालनो, ये बाई करनो उग्र विहार ये बाई, मत ले जामण जायी आगन्या ॥११॥ हां रे वीरा छाती ने डट कर राखजो, ओ वीरा हिवडे में धरजो धीर ओ वीरा, दे दो जामण जाया आगन्या ॥ हां ये बाई पांव उगाडा चालनो, ये