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कारणतू विलकायजी ॥२१॥ कांई थारो बाबोसा मारियो, के वीराजी घुरकायाजी। नहीं माहरा बाबो सा मारियो, नहीं वीराजी घुरकायाजी ॥२२॥ गई थी बच्छराजा री वाडिया, वे माहरा काप्या है केसोजी, केस कापी ने बले पूछियो, बाई थे कीना सारी धीवो जी ॥२३॥ नवकुल राजा री डीकरी, नवला दे माहरी मायजी। केस काप ने बले कह्यो, थारे-मारे सगपण होसीजी ॥२४॥ ताराचन्द वीरो पूछियो, बाई किन कारण थे विलकायजी कांई थाने माताजी मारियो, के भोजाई घुरकायाजी ॥२५॥ नहीं माहरा माताजी मारिया, नहीं भोजाई घुरकायाजी, गई थी बच्छराजा री वाडिला, वे मारा काप्या है केसोजी ॥२६॥ केस कापी ने बले पूछियो, बाई थे कीनांसा री धीवोजी नवकुल राजा री डीकरी,नवला दे गारी मांग्रजी ॥२७॥ केस कापी बले कह्यो, थारे-मारे सगपन होसी जी। ताराचन्दजी वीरो सा रोस में आयने कोदो है नाग तणो वेशो जी ॥२८॥ उठासुं नामज सांचरिया जाने वच्छराजा ने डसवांजी। उठासुं नागज सांचरिया आया है सीमा रे मायो जी ॥२९॥ सीमा सिवारिया ने पूछियो किणाजी रो कहीजे ये सीवोजी मारे बच्छराजारो कहीजे सीवोजी सीमा सुं फेर पधारिया द्वारोजी ॥३०॥ उठालं
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