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ढूंढ-ढूंढत सब ढूंढ़िया, लादा है पाना रे बीचोजी ॥१२॥ वेणी काटने बल पूछियो, बाई कीनाजी री धीवजी ॥ नवकुल राजा री डीकरी, नवला दे माहरो मायोजी वीरा ताराचन्दजी बेनोजी ||१३|| केस खापने बले पूछिया, थारा मारा सगपण होसीजी, रोवत जोवत घर गई, बाबोसा ले बुचकारियाजी ||१४|| कांई थारा माताजी मारिया के भोजाई घुरकायीजी । नहीं माहरा माताजी मारिया, नहीं भोजाई घुरकायीजी ॥ १५ ॥ गई थी वच्छ राजा री वाडिया, वे मारा काप्या है केसोजी केस कापने बले पूछियो, बाई थे कोनांजी री धीवजी ॥। १६ ।। नवकुल राजा री दीकरी, नवला दे माहरी माता जी । केस कापीने बले कह्यो, थारे-मारे सगपण होसीजी || १७|| रोबत जोवत घर गई, माताजी ले बुचकारियाजी । कांई थारा काको सा मारिया के वीराजी घुरकायाजी ||१८|| नहीं माहरा काकोसा मारिया, नहीं वीराजी घुरकायाजी, गई थी बच्छराजाजी री वाडिया, वे माहरा काप्या है केसोजी ||१९|| केस काटने बले पूछिया, बाई थे कोनासारी धोवो जी । नवकुल राजा री डीकरी, नवला दे माहरी मांजी ||२०|| केस कापीने बले कह्यो, थारी-मारी सगपण होसीजी, वेलक मानो सा पूछियो, बाई कि
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