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वांरो नामोजी । बाग-बगीचा सोभता, वारे बगीचारो सुनो अधिकारोजी ॥२॥ काच कवलरी बावडी, लौंग डोडारो आ बाड़ो जी । सोना रूपारी घडलिया, रेशम केरी डोरो जी ॥३॥ मालीडो पानी सोंचवे, मालन पावे हे पानी जी । पावे है मरवा ने मोगरो, पावे चम्पेली रा गोड़ो जी ॥४॥ नवकुल राजा भेजिया, बाई फलडां चंठ लावोजी । ऊभा रेवो माहरा बाबोसा सजं मैं सोले सिनगारोजी ॥५॥ माथा में मेमंद सोवनो रखडी रो इदकारोजी, हिवडाने हासज सोवनो, गले ठिकावलरो हारोजी ॥६॥ कानां में कुण्डल सोवनो, जठणारो इदकारोजी । बांसिया बाजबंद बोरका, कंकण रो इदकारोजी ॥७॥ पगलयां ने पायर सोवना, गुगरा रो इदकारोजी । घुमे घुमालो घाघरो, ओढण दिकणीरो चीरोजी ॥८॥ सात सहेलयां रे झूलडे, पद्मावती बागां संचरियाजी। सोनारी छबोलयो हाथ में, गई वच्छ राजारी वाडीजी ।।९।। तोडया है आंबा ने आंबलि, तोड्या है दाडम दाखोजी । तोड्या है मरवा ने मोगरा, तोड्या है चंपेलोरा फूलोजी ॥१०॥ मालन आई कूकती, मालीडो गयो पुकारोजी । वच्छ राजाजी थारा बागां में, पद्मा कोनो बिगाडोजी ॥११॥ घडले असवार होयने, आया है बागां रे मायोजी
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