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रत्नां जड़ियो बधाओ जी, कांई भरयो सम्पूर्ण होय के राज बधाओ जी ||१२॥ पद्म सरोवर स्वामी दसमां बधाओ जी, कांई कमल भरयो तिन मांय के राज बधाओ जी ॥१३॥ क्षीर समुद्र ग्यारहमां बधाओ जी, काई क्षीर को जैसो नीर के राज बधाओ जी ॥१४॥ देव विमान बारहमां बधाओ जी, कांई रुणझण घंटा बाजे के राज बधाओ जी, रत्नारी राशि तेरमा बधाओ जी, कांई रत्नां सु भरया भंडार के राज बधाओ जी ॥१६।। अग्नि दीठा स्वामी दशमा बधाओ जी, काई झाल जपंति लेर के राज बधाओ जी ॥१७॥ चउदे तो रानी सपना देखिया बधाओ जी कांई गया राजाजी के पास के राज बधाओ जी ॥१८ । भद्रासन दियो बैठ नो बधाओ जी, कांई दीनों घणो सन्मान के राज बधाओ जी ।।१९।। तीर्थंकर, चक्रर्वात जन्मसी बधाओ जी, काई तीन भवन रा नाथ के राज बधाओजी ॥२०॥ चैत्र सुदी तेरस ने जनमिया बधाओ जी कांई छप्पन कुमारियां मंगल गाया के राज बधाओजी ।।२१॥ चौंसठ इन्द्र मिल आविया बधाओ जी, कांई मेरु शिखर नवाय के राज बधाओ जी ॥२२॥ महावीर नाम स्थापन कोनो बधाओ जी, कांई मेल्या माताजी रे पास के राज बधाओ जी ॥२३॥ प्रभुजी तो संयम आदरया बधाओ
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