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|| बधाआ॥
(तर्ज-ऊंची ऊंची मेडिया शोभंती) ऊंची-ऊंची मेडिया शोभंती बधाओ जी, कांई दिवका रो उद्योत के राज बधाओ जी ॥१॥ हिंगल तो डोलयो डल रह्यो बधाओ जी, कांई कोमल बिछाई है, सेज के राज बधाओजी ॥२॥ जठे माता त्रिशला देवी पोढ़िया बधाओ जी, कांई सपना लिया दस चार के राज बधाओ जी ॥३॥ पहला गयधर देखिपा बधाओ जी, कांई दीठा है राज दरबार के राज बधाओ जी ।।४॥ दूजे ऋषभ सुलक्षणों बधाओ जी, कांई दीठा है गाय गवाल के राज बधाओजी ।।५।। तीजे सिंह सुलक्षणों बधाओ जी, काई वन मांये करे रे किलोल के राज बधाओजी ॥६॥ चौथे लक्ष्मी देवता बधाओ जी काई सदा रे सवागण नार के राज बधाओ जी ॥७॥ पांचमी माला मलकंती बधाओ जी, कांई पांच वरण री होय के राज बधाओ जी ८|| छठे चन्द्र सभी बधाओ जी ॥९॥ सातमों सूरज ऊगियो बधाओ जी, काई सहस्र किरणां को राय के राज वधाओ जी ॥१०॥ आठमी ध्वजा फरकंती बधाओ जी, कांई सदा रे धर्म की लेर के राज पधाओ जी ॥११॥ नवमों कलश
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