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________________ [ ५९. ] तो फिर दूसरे जीवोंका तो कहना ही क्या ? दीपावलीके दिन लक्ष्मीके प्राप्तिके लिए लक्ष्मीकी पूजा करते हैं, फिर लक्ष्मीपूजनकी लक्ष्मी [धन ] में आग क्यों लगाते हैं। __ आजकल तम्बाकू पीनेका व्यसन बहुत बढ गया है, यह बड़ा नुकसान करनेवाला है । रक्त खराबी, वीर्यकी हानि, क्षय वगैरा रोग उत्पन्न होते हैं और घासके घरमें जो कहीं बिडी वगैरा पड जाय तो वडा नुकसान व महाअनर्थ होजाता है। (४) झुलेपर झूलना भी अनर्थ है, क्यों कि कितनेक मनुष्य गिरकर मर गए हैं, पंखा करने, बाजे वगैराका बचाव जहांतक हो करना चाहिए। (५) वनस्पति ३ प्रकारकी होती है- १ गोधूम [गेहं] चने वगैरा अनाजके एक एक दानेमें एक एक जीव होता है, २ हरी भाजी, फल,: फल्ली इनके छोटेसे टुकडमें असंख्यात जीव होते हैं, और ३ कांदे, लशुन, गाजर, आलू, सकरकन्द वगैरा जो जमीनके अंदर उत्पन्न होते हैं उनके छोटेसे छोटे
SR No.006293
Book TitleSaddharm Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherNanebai Lakhmichand Gaiakwad
Publication Year1863
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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