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________________ मांस खाना बाकी रहा? वे कहते हैं कि हाथसे गले पर छरी फेरकर मारते (हलाल करते हैं, वह मांस खानेकी हमको परवानगी है, परंतु यह भी कहना उनका असत्य है क्यों कि ऊपर शस्त्रके मारेका मांस खानेकी भी मनाई की है। (२) और भी देखिये--- "सुरा उलमायद" ४ पय्यरा, मंजल, ३ आयतनमें लिखा है कि"मका शरीफ" यह मुसलमान लोगोंका बड़ा तीर्थ स्थान है उसकी जहांतक हद्द है वहांतक कभी भी किसी भी प्राणिको नहीं मारना और जो कोई भूलकर मार डाले तो उसको अपना पाला हुआ जानवरमेंका एक जानवर वहां छोड देना, अपना पाला हुआ जानवर नहीं होवें तो जिस जानवरको उसने माग हो उस जानवरकी कीमत जो चार मनुष्य कहें उतने पैसेका अन्न मोल लेकर फीरोंको बांट देना। मुसलमानोंके ईश्वरने यह काम[मारना] अपवित्र माना है, इसलिए ही ऐसे उत्तमस्थानमें ऐसे नीच कर्म करनेकी मना की है ।
SR No.006293
Book TitleSaddharm Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherNanebai Lakhmichand Gaiakwad
Publication Year1863
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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