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________________ यह क्यों? राजचिलों का वह क्या करेगा? मुझे नहीं मालूम। बस, रात-दिन तहखानों में 5 कारीगर काम करते रहते हैं। आर्य स्थूलभद्र रातभर वररुचि अपनी कुटिया में बैठा एक षड्यंत्र का ताना-बाना बुनता रहा। यकायक उछल पड़ा बस, अचूक शस्त्र हाथ आ गया। अब शकडाल का पत्ता साफ तय कर दूंगा। दूसरे दिन उसने बालकों को एकत्र कर खूब लड्डू बाँटे और कहा सब बच्चे यह श्लोक याद कर लो, गली कूचे हर जगह बोलते जाओ। उसने लड्डू देकर सभी बच्चों को श्लोक अच्छी तरह पाठ करा दिया। अगले दिन बच्चे वह श्लोक गाने लगे। नन्द ने गलियों में देखा। बच्चे गा रहे थे नन्दराय जाणे नहीं ने शकडाल करेसि। नन्दराय ने मारने श्रीयक राज ठवेसि॥ THI PANINoor नदोहा सुनकर गुप्तचर चौकन्ने हो गये। # यह शकडाल जो करना चाहता है, उसे राजा नन्द नहीं जान पाता। नन्द को मारकर शकडाल अपने पुत्र श्रीयक को राज-सिंहासन पर बैठाएगा। 18
SR No.006284
Book TitleAarya Sthulbhadra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Education Board
PublisherJain Education Board
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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