________________
३ जोड़ी गोयम - वीर जिसी, वर कार्य भुळायां बेकर जोड़ी,
करत
४ परम पीत पुज सूं जळ-पय सी, कठिन वचन गुर शीख कहै तौ, उत्तराधेन छतीस अधेन, वार अनेक गुण्या विध सूं, गजब गुण ज्ञान गरब
५
शिष
बाजै ।
वारू
मुगति काजै ॥ गजब गुण.
भव दधि
पाजै १
समचित मुनि साजै ॥ गजब गुण. ऊभां अधिकारी ।
छतां
धारी ॥
१३ हद वचनामृत सुण जन हरखत, नयणानंदन कुमति निकंदन, १४ हिय निरमळ हरनाथ मुनि, विनीत भारमलजी,
परम
धुर गुरु आज्ञा गारी रे, गजब..........
गुरु भीक्खू पै अजब छटा, हद भारीमाल भारी॥
६ भारीमाल नै भीक्खू भाखै, सांभळ
काढै खूंचणो २ ग्रहस्थ कोई,
तेलौ डंड
साचौ
७ भारीमाल भाखै भीक्खू नै - तब तौ तेलौ तंत खरौ, ८ झूठौ नाम लियै कोइ जन, स्यूं करिवौ ते स्वाम प्रकासौ, ९ भीक्खू कहै - जो साचौ भाखै, अणहुंतौई आळ ३ दियै तो, १० पूर्व संचित
पाप उदय नौं, स्वामी नौ वच सरध कीयौ, ११ भारीमाल सुविनीत इसा भड़, पुन्य प्रबल थी भीक्खू पाया, १२ घोर घटा घन गर्जारव सी,
भिन- भिन भेद भली पर भाखत,
पैर भव-समुद्र के किनारे पर है।
१.
२. बिना गलती दोप बताना । ३. दोपारोपण।
३४
'पद
पिण धेष जगत धारी ॥
लागू
अति
आज्ञा
तौ
सुगुणा
ममत
वांण
त्यारी ॥
कहै
संचित
तेला
तंत
कर जोड़ौ अंगीकारी ॥
दाखत
निरखत
मांन
अधिकारी ? गजब गुण.
तेल
त्यारी ॥
संभारी।
गजब
मारी ॥
सुधा
दमितारी ॥
सुखकारी।
गजब गुण.
सारी।
प्यारीं ॥ तंत
गजब गुण. लारी।*
गुण.
सारी।
गजब गुण.
सुखकारी ।
गजब गुण.
उवारी |
गजब गुण.
नर-नारी ।
पद सूरत टोकरजी
भल संत साताकारी । गजब गुण.
गजब गुण.
सारी !
४. भट / सैनिक
५. न्योछावर ।
६. आंतरिक शत्रुओं को जीतने वाले ।
भिक्खु जश रसायण