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१७. द्रव्य-गुरु कहै यूं कांइ बोले, वीरभांणजी पाछौ झखोलै॥
___ कूड़ौ' तो भीक्खू पास अतोलै रे। मन प्यारा, १८. म्हारै कनै तो वानगी२ तास, कूड़ौ-रास भीखनजी पास।
इम सांभळ हुआ उदास रे।। मन प्यारा, १९. वीरभांण रै नहीं समाही, तिण सूं आगूंच बात जणाई।
हिवै आया भीक्खू ऋषराई रे। मन प्यारा, २०. तंत ढाळ कही ए तीजी, वीरभाण नी बात कहीजी
ऋष भीक्खू नी बात रहीजी।। मन प्यारा,
१. साचो (क) ढेर (पिटारा)। २. नमूना।
भिक्खु जश रसायण : ढा. ३