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८ कंटाळिया मैं किरपा करी, पूज किया चोमास दोय।
चौवीसे अठावीसे वरस मैं, जिहां जनम किल्यांणज जोय।। सुण. पीपार मैं पाखंड हुँता घणा, दोय चोमासा दिया ठाय।
चोतीसे अठावीसे वरस मैं, घणौ दीयौ मिथ्यात मिटाय।। १० गढ़ रणतभंवर किलो तिहां, तळेटी माधोपुर मझार'। ___ इगतीसे अड़ताले दोनूं किया, तिहां इधक हुऔ उपगार।। सुण. ११ दोय चोमासा किया पुर सैहर मैं, तिहां उपगार 'जाझौ २ जांण।
सैताळीसैं नै सतावनै, ते गिण लीज्यौ चतुर सुजांण॥ सुण. १२ अठारा रै वरस वडलू कियौ, वीसे राजनगर विचार।
पैतीसे आंबेट पादु सैंतीस मैं, तेपनें सोजत सैहर मझार॥ सुण. १३ पनरै गांमां मैं कीधा पूज जी, चमाळीस चौमासा सार।
ए परम भगता सिष पाटवी, घणा रह्या पूज री लार॥ सुण.
१. देखें. भिक्षु जश रसायण, ढा६३ गा.५ २. अधिक। की टिप्पण।
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भिक्खु जश रसायण