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सीख
१० और साध साधवियां नै सांमी, आपी अरिहंत आग्या माहे रहीज्यो, थांरो तीखौ वधै ११ साची बात बतावै सांमी, पोहता गुणां करे सांमी था गिरवा, म्हां सूं पूरा केम
परभव
हिवड़े
१२ नित नित नमो भीखू मुनीसर, मुगत रै हेते करणी करनै, तोड़
आंण न्हाखौ मोह
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अमोल। ज्यू तोल॥
माय।
कहवाय ॥
हुलास।
पास ॥
भिक्खु रसायण