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१९ इंद्रीवादी' ओळखावियौ गुणधारी रे, कर काळवादी निकंद। स्वाम.
प्रज्यायवादी पिछांणीयौ गुणधारी रे, स्वाम साचेलौ चंद।। स्वाम. २० आचार सरधा ऊपरै गुणधारी रे, स्वाम सोध्या सुद्ध न्याय। स्वाम.
स्वाम सूत्र-वच सिर धरी गुणधारी रे, व्रत-अव्रत वताय॥ स्वाम. २१ सोध्या तौ लाधै नहीं गुणधारी रे, स्वाम सरीखा साधा स्वाम. ___कड़लौं काम पड्या चरचा तणौ गुणधारी रे, आवैला भीक्खू याद।। स्वाम. २२ स्वाम भीखणजी सारिखा गुणधारी रे, भरत खेत्र रै माय। स्वाम.
हुआ नै होसी वले गुणधारी रे, हिवडां नहीं देखाय। स्वाम. २३ ऐसा भीक्खू ऋष ओपता गुणधारी रे, याद करै नर-नार। स्वाम.
पूज गुणां रो पंजरो', स्वाम सकल सुखकार। स्वाम. २४ स्वाम तणौ नाम संभस्यां गुणधारी रे, आवै हरस अपार। स्वाम. ____ तौ प्रत्यख नौं कहिवौ कि गुणधारी रे, पांमै तन-मन प्यार। स्वाम. २५ सरीयारी मैं स्वामजी गुणधारी रे, साठे वर्स संथार। स्वाम.
मास भाद्रवा मैं भलो गुणधारी रे, जीत गर्भ मैं जिवार।। स्वाम. २६ पंचमा काळे हूं ऊपनौं गुणधारी रे, पिण इक मुझ हरष परम। स्वाम. .. आप सुद्ध मग धाऱ्या पछै गुणधारी रे, जन्म थइ पायौ धरम।। स्वाम. २७ आसा-पूरण आप छौ गुणधारी रे, मेटण सकल संताप। स्वाम.
समरण नित्य प्रति स्वाम नों गुणधारी रे, जपूं तुम्हारौ जाप॥ स्वाम. २८ बासठमी ढाळ ओपती गुणधारी रे,. समस्या स्वाम सुजाण। स्वाम.
'जय-जश' करण भीक्खू भला गुणधारी रे, पूरण प्रीत पिछांण॥ स्वाम..
१. इन्द्रियवादी -- इन्द्रियों को सांवद्य मानने वाले। २. कालवादी -- कार्य की निष्पत्ति में काल (समय) को मुख्य मानने वाले। ३. पर्यायवादी -- पर्याय को ही प्रमुखता देने वाले। ४. कठिन। ५. पींजरा।
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भिक्खु जश रसायण