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२ सोभाचंद' सेवग हुँतो रे लाल, नाडोलाइ नों न्हाल। सुखकारी रे!
आयौ पाली मैं एकदा रे लाल, तिण मैं कहै पाखंडी ते काळ। सुखकारी रे! सुण. ३ तूं विश्वर जोड़ भीखणजी तणारेलाल, तो. देसां बहु रुपीया तांम। सुखकारी रे!
भीखनजी सूं वातां कर जोड़ सूं रे लाल, इम कहै सोभाचंद आंम।। सुखकारी रे! सुण. ४ इम कही खेरवै आवीयौ रे लाल, जिहां पूज विराज्या जांण।सुखकारी रे!
ऊभौ भीक्खू रै आगलै रे लाल, वंदणा कीधी आंण।। सुखकारी रे! सुण. ५ पूज कहै वच परवड़ा रे लाल, तुझ नाम सोभाचंद ताय। सुखकारी रे!
सोभाचंद कहै हां सही रे लाल, एहिज नाम कहाय।। सुखकारी रे! सुण. ६ भीक्खू वलि तसुंइम भणे रे लाल, सुत रोडीदास नों सोय? सुखकारी रे!
सेवग कहै स्वामी भणी रे लाल, सत वच तुझ अवलोय।। । सुखकारी रे! सुण. ७ वलि सोभाचंद बोलियौ रे लाल, आप आछी न कीधी एक। सुखकारी रे!
उथापौ श्री भगवान नैं रे लाल, विरुइ वात विसेख।। सुखकारी रे! सुण. ८ वळता भीक्खू बोलीया-रे लाल, म्हे क्यांनैं उथापां भगवांन? सुखकारी रे!
म्हे भगवंत रा वचनां थकी रे लाल, घर छोड़ साधू थया जांन। । सुखकारी रे! सुण. ९ वलि सोभाचंद बोलियौ रे लाल, आप देवरौ दीयौ उथाप।सुखकारी रे!
जाब देवै स्वामी जुगत सूं रे लाल, चतुर सुणौ चुपचाप।।। सुखकारी रे! सुण. १० हजारां मण पत्थर देवळे तणौ रे लाल, 'कहौ उथापियै केम'? सुखकारी रे!
म्हे तो सेर दोय सेर प्रयोजन विना रे लाल, आछौ पाछौ करां नहीं एम।।। सुखकारी रे! सुण. ११ फेर सोभाचंद पूछतौ रे लाल, आप जिन प्रतिमा दी उथाप। सुखकारी रे!
प्रतिमा नै कहौ पाषांण छै रे लाल, ए आछी न करी आप।।सुखकारी रे! सुण. १२ स्वाम कहै-तूं सांभळे रे लाल, म्हे प्रतिमा उथांपा किण कांम। सुखकारी रे! ____ म्हारै त्याग है झूठ बोलण तणां रे लाल, इणरौ न्याय कहूं अभिराम।। सुखकारी रे! सुण. १३ सोना री प्रतिमा भणी रे लाल, सोना री प्रतिमा कहंत। सुखकारी रे!
रूपा री प्रतिमा भणी रे लाल, म्हे रूपां री कहां धर खंत॥ सुखकारी रे! सुण. १४ सर्व धातु नी प्रतिमा भणी रे लाल, सर्व धातु नी कहां सोय। सुखकारी रे!
पाषांण री प्रतिमा भणी रे लाल, कहां पाषांण री जोय। सुखकारी रे! सुण.
१. भि. दृ. ९६। २. निंदा सूचक छंद। ३. मंदिर (देवालय), देहरो (क्व.)।
४. मंदिर। ५. कैसे उठाया जा सकता है।
भिक्खु जश रसायण : ढा. ४०
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