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________________ चतुर्थः सर्गः १२७ १२२. स्वामिन् ! भवाम्भोनिधिपारगस्त्वमस्मादृशानीश ! तथा विधेहि । उत्तारयोत्तारय पारयैवं व्यानञ्ज वाण रचिताञ्जलिः सः ॥ . वह बालक भारिमाल हाथ जोड़कर बोला- 'स्वामिन् ! आप ही इस संसार समुद्र के पारगामी हैं । भगवन् ! हमें भी आप वैसा ही बना दें । आप हमें पार ले जाएं, पार ले जाएं और हमारा उद्धार करें । १२३. दीक्षावधर्वल्गु विधेः शरीरे, कि भूषया कृत्रिमयाऽनया मे । इत्थं विचिन्त्यैव तनोनिजस्य, सर्वाङ्गभूषा विजहेऽमुना किम् ॥ सुन्दर विधि-विधान वाली दीक्षा की अवधि आने पर, यह सोचते हुए कि अब शरीर पर इस कृत्रिम वेषभूषा की क्या आवश्यकता है, बालक भारीमाल ने धारण कर रखे समस्त अलंकारों को एक साथ उत्तर दिया । १२४. भालस्थलारोपितहस्तयुग्मों, वैराग्यरागाचितगात्रभागः । पित्रा समं स प्रथमां प्रव्रज्यां, भिक्षोः समीपे समुपाददेऽत्र ॥ वैराग्य के अनुराग से अर्चित गात्रवाला वह बालक अपने दोनों हाथों को भालस्थल पर संयोजित कर अपने पिता किशनोजी के साथ भिक्षु स्वामी के पास दीक्षित हो गया । वे दोनों भिक्षु स्वामी के प्रथम शिष्य बने । १२५. बागोरदृङ्गस्य घनागमतुं, सम्पूर्य लाभान्मनसोऽतिरेकात् । ग्रामानुग्रामं विजहार भिक्षुः कीर्त्त्यावदातीकृतविश्वविश्वः ॥ अपनी कल्पनाओं से भी अधिक लाभ से लाभान्वित होकर आपने बागोर नगर के इस चातुर्मास को पूर्ण किया । अपनी निर्मल कीर्ति के द्वारा संपूर्ण संसार को समुज्ज्वल करते हुए वे ग्रामानुग्राम विहार करने लगे । १२६. षष्ठं चतुर्मासमुवास चारु, सानन्दतः सादडिपत्तनेषु । वैराग्यपीयूषसरस्वतीभिः प्राप्ता प्रतिष्ठा महिमण्डलेषु ॥ आपने अपना छठा चातुर्मास सादडी शहर में आनन्द पूर्वक सम्पन्न किया और अपनी वैराग्यपूर्ण अमृतवाणी के कारण आप इस महिमण्डल में प्रतिष्ठा को प्राप्त हुए । श्रीनाभेय जिनेन्द्रकारमकरोद् धर्मप्रतिष्ठां पुनर्यः सत्याग्रहणाग्रही सहनये राचार्य भिक्षुर्महान् । तत्सिद्धान्तरतेन चारुरचिते श्रीनत्थमलषणा, श्रीमद्भिक्षु मुनीश्वरस्य चरिते सर्गश्चतुर्थोऽभवत् ॥ श्रीमत्थमर्षिणा विरचिते श्रीभिक्षुमहाकाव्ये भिक्षुदीक्षामहोत्सवविहरण- बागोरनगर वर्णननामा चतुर्थः सर्गः ।
SR No.006278
Book TitleBhikshu Mahakavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages350
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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