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कथावस्तु हैं जिससे इस प्रकार का दुःख भोग रही रही है ? भिक्षा लेकर वे पुनः भगवान् महावीर के पास आये और उनके समक्ष अपने विचार रखे । तब भगवान् ने देवदत्ता के पूर्व भव का वर्णन करते हुए राजा सिंहसेन के विषय में जानकारी दी । उसे सुनकर गणधर गौतम ने पूछा-यह देवदत्ता मर कर कहां उत्पन्न होगी ? तब भगवान् ने उसके आगामी भवों का वर्णन करते हुए कहा-वह अनेकानेक भव करती हुई अन्त में महाविदेह क्षेत्र में उत्पन्न होकर अजरामर पद प्राप्त करेगी।