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________________ ललियंगचरियं २९ ६०. सज्जन ने तत्काल कुमार से पूछा- क्या तुम्हारे मन में पुनः आग्रह ६१. यदि तुम्हारे मन में पुनः आग्रह है तो किसी व्यक्ति से पूछकर शीघ्र दूर करो। . ६२. यदि तुम्हारा कथन झूठा होगा तो तुम मुझे क्या दोगे-सज्जन ने कहा। ६३. सज्जन के वचन को सुनकर कुमार ने कहा- मेरे हृदय में विश्वास है कि मेरा कथन असत्य नहीं है । . ६४. फिर भी यदि मेरा कथन झूठा होगा तो मैं तुम्हें अपनी आंखें दे दूंगा। ६५-६६. कुमार के वचन को सुनकर सज्जन ने कहा-किसका कथन सत्य है और किसका असत्य, इसका निर्णय तो पूछने से होगा। अन्यथा सत्य का निर्णय होना मुश्किल है। ६७. यदि मेरा कथन असत्य होगा तो मैं तुम्हें तुम्हारे घोड़े और आभूषण वापिस दे दूंगा। ६८. दोनों ने परस्पर एक दूसरे के इस कथन को स्वीकार कर लिया। किसका कथन सत्य है और किसका असत्य, यह देखें। ६९. कुछ दूर जाने पर उन्होंने एक व्यक्ति को देखा । सज्जन ने नमस्कार कर यह पूछा७०. भद्र ! संसार में कौन सुखी होता है धार्मिक या अधार्मिक ?सत्य बोल__ कर हमारे विवाद को दूर करो। ७१. उसके कथन को सुनकर आगंतुक ने कहा-अधार्मिक सुखी रहता है और धार्मिक दुःखी। ७२. आगन्तुक के कथन को सुनकर कुमार स्तब्ध हो गया। उस समय उसकी विचित्र स्थिति हो गई। ७३. आगन्तुक के वचन को सुनकर सज्जन प्रसन्न हुआ। उसने तत्काल कुमार से कहा- . .
SR No.006276
Book TitlePaia Padibimbo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages170
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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